विनोद पांडेय @ गाजियाबाद। कोरोना संक्रमण का प्रभाव इस बार जन्माष्टमी पर्व भी दिखाई दे रहा है। पिछले सालों की तरह इस पर्व को लेकर न तो मंदिरों में झांकियों, धार्मिक आयोजनों की तैयारियां की जा रही हैं और न ही बाजारों में किसी प्रकार की पूर्व की तरह चहल-पहल दिखाई दे रही है।
नगर के वे मंदिर व धार्मिक स्थल जहां जन्माष्टमी से कई दिन पूर्व ही विभिन्न धार्मिक आयोजनों की धार्मिक तैयारियां शुरू हो जाती थी। लेकिन कोरोना संक्रमण एवं श्रृद्धंालुओं की आस्था का ख्याल रखते हुए हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी जन्माष्टमी पर्व पर राजनगर स्थित इस्कॉन मंदिर में भक्तों को ऑनलाइन दर्शन कराए जाएंगे।
सोमवार को राजनगर स्थित इस्कॉन मंदिर में प्रेसवार्ता के दौरान जानकारी देते हुए इस्कॉन मंदिर समिति के अध्यक्ष आदिकर्ता दास ने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए पिछले चार महीने से मंदिर के कपाट बंद चल रहे थे। लेकिन जन्माष्टïमी पर्व हर बार की तरह इस बार भी मंदिर परिसर में धूमधाम से मनाया जाएगा।
लेकिन इस पर्व पर भक्तों को मंदिर आने की अनुमति नही दी जाएगी। मंदिर प्रबंधक सुरेश्वरदास ने बताया कि मंदिर को फूल बंगला बनाया जाएगा। भक्तों के लिए जूम ऐप के जरिए ऑनलाइन पूजा की व्यवस्था की गई है ताकि श्रृद्धांलु भगवान कृष्ण के दर्शन से वंचित न रहें।
इसके अलावा यू-ट्यूब और फेसबुक पेज के माध्यम से भी भगवान के दर्शनों की व्यवस्था की जाएगी। पर्व पर मंदिर में करीब 60 लोगों के रहने की अनुमति होगी। वह सब भी मंदिर सेवा से जुड़े हुए लोग ही रहेगें। समिति के गौरव गर्ग ने बताया कि मंदिर में पूर्व की तरह ही सजावट का काम शुरू हो गया है।
फूलों व लाइट के माध्यम से मंदिर को सजाया जा रहा है। कोरोना काल को देखते हुए समिति द्वारा यह निर्णय लिया गया है। यह निर्णय श्रृद्धांलुओं की श्रृद्धा को देखते हुए लिया गया, जिससे हम और आप कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रह सकें।