किसानों के समर्थन में युथ कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन

सितंबर में लागू हुअ तीन कृषि कानूनों के विरोध किसान आंदोलन कर रहे हैं। किसान अपनी मांगों पर अडिग है। बारिश हो या कड़काड़ाती ठंड किसान अपने मजूबद इरादों के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच कई किसानों की जान भी चली गई। किसानों के समर्थन ें युथ कांग्रेस विरोध प्रदर्शन कर रही है जिसके तहत वो पूरे देश से मिट्टी इकट्टा कर रही है। इसके बाद उस मिट्टी से वह भारत का नक्शा बनाने की तैयारी में हैं। ये नक्शा उन किसानों के सम्मान के रूप में होगा जिन्होंने इस प्रदर्शन में अपनी जान गंवाई है।

यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने कहा कि 9 जनवरी को लॉन्च किया गया था, एक मुत्ठी मिट्ठी शहीदों के नाम के इस राष्ट्रव्यापी अभियान के एक महीने के भीतर दिल्ली में पूरा होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि ये अभियान महात्मा गांधी के ऐतिहासिक दांडी मार्च से प्रेरित है जो ब्रिटिश नमक एकाधिकार के खिलाफ है।
कृषि कानूनों के विरोध में हजारों किसानों ने 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाल दिया है, “पिछले 50 दिनों से शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन कर रहे 65 से अधिक किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर अपनी जान गंवाई है।

कश्मीर से कन्याकुमारी तक इस अभियान के दौरान, मिट्टी एकत्र की जाएगी, विशेष रूप से उन 65 किसानों के गांवों और घर कस्बों से, जो आंदोलन के दौरान अपनी जान गंवा चुके हैं। श्रीनिवास बीवी ने मिट्टी इकट्ठा करने के लिए पिछले सप्ताह राजस्थान और मध्य प्रदेश का दौरा किया था।

यूथ कांग्रेस के राष्ट्र पभारी कृष्ण अल्लावरु ने कहा, “उस मिट्टी के साथ, हम भारत का नक्शा बनाएंगे, जो महात्मा गांधी के आदर्शों और शहीदों द्वारा दिए गए बलिदानों के आधार पर बनाया जाएगा, जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अपने प्राणों को न्योछावर कर दिया था”

श्रीनिवास बीवी ने हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के साथ दिल्ली की सीमाओं पर विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शनकारी किसानों के लिए स्वास्थ्य, रक्तदान अभियान और भोजन और दवाइयां प्रदान की हैं। कांग्रेस ने तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ 15 जनवरी को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की भी घोषणा की है। पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने 24 दिसंबर को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से मुलाकात कर कानूनों को निरस्त करने के लिए विशेष संसद सत्र की मांग की।