दबंगों की धमकी के बाद महिला का पलायन

  • बच्चों के साथ घर पर ताला लगाकर चली गयी पीडिता
  • जमीन पर कब्जे के मामले में प्रशासन ने नहीं की थी कार्रवाई

दीपक वर्मा@शामली। गढीपुख्ता क्षेत्र के गांव गढी अब्दुल्ला खां में दबंगों द्वारा 17 बीघा भूमि पर कब्जा किए जाने के मामले मंे प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई न किए जाने से आहत महिला अपने बच्चों व सामान के साथ गांव से पलायन कर गयी। महिला अपने घर पर ताला लगाकर गांव से चली गयी। महिला के पलायन करने के मामले में ग्रामीणों में प्रशासन के खिलाफ आक्रोश बढ गया है। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि ने कहा कि गांव से पलायन का यह मामला बेहद दुखद है। उन्होंने डीएम से पीडित महिला को न्याय दिलाने की भी मांग की है।
वहीं ग्रामीणांे का कहना है कि यदि प्रशासन समय रहते कार्रवाई करता तो महिला को अपने बच्चों के साथ गांव से पलायन न करना पडता।
जानकारी के अनुसार गढीपुख्ता क्षेत्र के गांव गढी अब्दुल्ला खां निवासी काजल पुरी का आरोप है कि गांव के ही कुछ दबंगों ने उनकी 17 बीघा भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर रखा है। जमीन से संबंधित सभी कागजात उसके पास मौजूद है और यह मामला तीन सालांे से कोर्ट में भी विचाराधीन है। इस मामले की उसके पति सुशील पुरी कर रहे थे जिनका कुछ समय पहले ही निधन हो गया था। उनके निधन के तीसरे दिन ही दबंगों ने उनकी भूमि पर कब्जा कर लिया था तथा विरोध करने पर उसे व उसके बच्चों को जान से मारने की धमकियां दी जा रही थी। उसने इस संबंध में डीएम को प्रार्थना पत्र देकर गुहार लगायी थी लेकिन इसके बावजूद भी जिला प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गयी जिसके बाद उसने बच्चों सहित गांव से पलायन करने की चेतावनी दी थी। काजल पुरी का आरोप है कि इसके बावजूद भी न तो अधिकारी गांव पहुंचा और न ही इस मामले में कोई कार्रवाई हुई। प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई न किए जाने से आहत महिला शनिवार को अपने बच्चों के साथ घर पर ताला लगाकर गांव से पलायन कर गयी। दूसरी ओर महिला के पलायन करने व मामले मंे कोई कार्रवाई न होने से ग्रामीणों में प्रशासन के खिलाफ आक्रोश बढ गया है। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि फरहान खान ने गांव से महिला के पलायन के मामले को बेहद दुखद बताते हुए डीएम को प्रार्थना पत्र भेजकर मामले की जांच कर महिला को न्याय दिलाने की मांग की है। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि यदि प्रशासन इस संबंध में कार्रवाई करता तो महिला को अपने बच्चों के साथ गांव से पलायन न करना पडता। दूसरी ओर कुछ ग्रामीण महिला को वापस लाने के प्रयासों में भी जुट गए हैं। गांव के ही समाजसेवी नरेन्द्र सैनी व वीरेन्द्र सैनी ने कहा कि महिला का अपने बच्चों समेत गांव से पलायन दुखद है, इससे पहले ऐसी घटना कभी भी गांव में नहीं हुई। वे महिला के हक की लडाई लडेंगे, चाहे इसके लिए उन्हें सुप्रीम कोर्ट ही क्यों न जाना पडेगा। महिला को हर हाल में गांव वापस लाया जाएगा। उन्होंने महिला व उसके बच्चों की उसकी रिश्तेदारियों में तलाश भी शुरू कर दी है।