निबंध प्रतियोगिता तथा शौर्य गाथा के मंचन के साथ मनाई गई महाराणा प्रताप जयंती



सुरेन्द्र सिंह भाटी@बुलंदशहर आज हजरतपुर स्थित छत्रपति शिवाजी सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज शिवाजीनगर बुलंदशहर में आज महाराणा प्रताप की जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई जिसमें भैया बहनों द्वारा निबंध प्रतियोगिता में भाग लिया गया साथ ही मंच पर शौर्य गाथाओं तथा वीर रस की कविताएं के स्वर गुंजित हुए।

इस कार्यक्रम के अध्यक्ष विद्यालय के प्रधानाचार्य रमेश सिंह तथा मुख्य वक्ता रामकुमार आर्य रहे।मुख्य वक्ता राम कुमार आर्य ने बताया कि महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया उदयपुर, मेवाड में सिसोदिया राजपूत राजवंश के राजा थे। उनका नाम इतिहास में वीरता, शौर्य, त्याग, पराक्रम और दृढ प्रण के लिये अमर है। उन्होंने मुगल बादशाह अकबर की अधीनता स्वीकार नहीं की और कई सालों तक संघर्ष किया।

उन्होंने अपने स्वाभिमान की रक्षा के लिए घास की रोटियां खानी तो स्वीकार की परंतु अकबर के आगे सर झुकाने से मना कर दिया। 10 A से बहन ख्याति शर्मा ने महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक पर वीर रस की कविता “रण बीच चौकड़ी भर भर कर चेतक बन गया निराला था” का पाठ सभी के समक्ष किया।निबंध प्रतियोगिता में जूनियर वर्ग में चान्शू , किशोर वर्ग में ख्याति शर्मा तथा तरुण वर्ग में हर्षित ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।

विद्यालय के प्रधानाचार्य रमेश सिंह ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि महाराणा प्रताप वीरता तथा शौर्य की अमर कहानी के साथ स्वाभिमानी भारत की गौरव गाथा को चरितार्थ करते हैं। हम सभी को उनसे सीखना चाहिए कि स्वयं से पहले मातृभूमि होती है।