राफेल और तेजस बने आकर्षण का केंद्र, एयर शो में 19 हेलीकॉप्टर, 19 फाइटर जेट

-आने वाला दशक चुनौतियों से भरा, आकाश में दिखा शौर्य, गरजे राफेल और तेजस
-नेटवर्क सपोर्ट विमान से वायुसेना की ताकत बढ़ी ताकत: आरकेएस भदौरिया

  • चीफ ऑफ डिफेंस जनरल रावत,नौसेना अध्यक्ष,सेनाध्यक्ष ने ली परेड़सलामी

प्रमोद शर्मा @ गाजियाबाद : भारतीय वायुसेना की 88वीं वर्षगांठ पर हिंडन एयरबेस में आयोजित कार्यक्रम के जरिए पूरी दुनिया की वायुसेना को जवानों ने अपनी ताकत का अहसास कराया। जंगी जहाजों की गर्जना ने दुश्मन देशों को यह संदेश दिया कि कोई भी बचकानी हरकत करने पर भारतीय वायु सेना बिना समय गवाएं इसका माकूल जवाब देने को तत्पर है।

गुरूवार को हिंडन एयरफोर्स स्टेशन में वायु सेना ने अपना 88वां स्थापना दिवस मनाते हुए 89वीं वर्षगांठ में प्रवेश किया। भारतीय वायुसेना दिवस के मौके पर हिंडन एयरबेस पर आयोजित कार्यक्रम में सेना के जंगी जहाजों के बेडे में हाल में ही शामिल हुए अत्याधुनिक फाइटर राफेल ने आसमान का सीना चीरते हुए पूरी दुनिया को भारतीय वायुसेना की ताकत का एहसास कराया। वहीं, सुखोई-30 एमकेआई की कलाबाजियों ने दुश्मन की धड़कनें बढाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। चिनूक हैलीकॉप्टर ने दुर्गम क्षेत्रों में जाकर हैवीवेट लिफ्टिंग पावर का परिचय दिया तो विजय फॉर्मेशन में आसमान में गर्जना करते एक साथ निकले राफेल,जगुआर और मिराज ने पूरी दुनिया के सामने भारतीय वायुसेना में आधुनिक तकनीक, ताकत और तालमेल की अदभुत बानगी पेश की। इससे पूर्व वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया को परेड ने सलामी दी।

वायुसेना दिवस पर पहली बार फाइटर जेट राफेल ने आकाश में अपनी ताकत और क्षमता का प्रदर्शन किया। आकाश में गरज रहे राफेल ने हैरतअंगेज करतब दिखाए। वहीं, स्वदेशी विमान तेजस ने अपनी शक्ति का एहसास कराया। आकाश में राफेल, तेजस के साथ सुखोई-30 एमकेआई, मिराज-2000, जगुआर, अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर, चिनूक, हरक्यूलिस व ग्लोब मास्टर ने अपना दम दिखाया। वायुसेना दिवस पर एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया के साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे और नेवी चीफ एडमिरल कर्मवीर सिंह मौजूद रहे।

परेड में मौजूद वायु सैनिकों ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के साथ तीनों सेना प्रमुख को सलामी दी। एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया द्वारा उत्कृष्ट सेवा के लिए कई जवानों और अधिकारियों को सम्मानित करने के बाद एयर शो की शुरुआत हुई। एयर शो का मुख्य आकर्षण फाइटर जेट राफेल रहा। विजय फारमेशन में राफेल और जगुआर विमानों ने जैसे ही उड़ान भरी, वैसे ही एयर शो का रोमांच दोगुना हो गया। आकाश में राफेल ने पांच बार सीधे और करीब सात बार वर्टिकल उड़ान भरकर अपनी क्षमता को दर्शाया।

वहीं स्वदेशी तेजस विमान ने उड़ान भरने के साथ ही समारोह में मौजूद सभी दर्शकों का मन मोह लिया। आकाश में तेजस विमान ने करीब 25 बार सीधे और वर्टिकल उड़ान भरकर समा बांध दिया। ट्रांसफॉरमेशन फॉरमेशन में राफेल, तेजस और सुखोई-30 विमान की आकाश में जुगलबंदी ने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया। सूर्य किरण और सारंग ने दिखाए हैरतअंगेज करतब एयर शो में सारंग हेलीकॉप्टर और सूर्य किरण विमान के आकाश में हैरतअंगेज करतब देखकर लोग तालियां बजाने से खुद को नहीं रोक सके। पहले सूर्य किरण विमानों ने अपनी सुखोई फॉरमेशन, डायमंड फॉरमेशन, डकोटा फॉरमेशन से सभी का दिल जीत लिया। सारंग हेलीकॉप्टर ने कई फॉरमेशन के जरिए आसमान में आकर्षक कलाकृतियां बनाई।

वहीं आसमान में सबसे पहले लड़ाकू विमान मिग-29 और मिराज-2000 करतब दिखाए। अत्याधुनिक मालवाहक हेलीकॉप्टर चिनूक और लड़ाकू हेलीकॉप्टर अपाचे मंच के सामने से गुजरे। मंच के सामने से गुजरे दो चिनूक हेलिकॉप्टर में से एक ने कंटेनर और दूसरे ने एयरफील्ड गन (तोप) को उठा रखा था। इसके बाद सबसे बड़े मालवाहक विमान ग्लोबमास्टर ने दो सुखोई विमानों के साथ उड़ान भरी। विंटेज विमान टाइगर मॉथ और हावर्ड के साथ डकोटा विमान ने भी आसमान में कई करतब दिखाए। आकाशगंगा पैराट्रूपर्स की टीम ने 8000 फीट से लगाई छलांग एयर शो में सबसे पहले आकाशगंगा पैराट्रूपर्स की टीम ने अपनी क्षमता दिखाई। आरकेएस भदौरिया ने कहा कि आने वाला दशक चुनौतियों से भरा है।

साइबर हमले, ड्रोन निगरानी जैसी तमाम चुनौतियां हमारे सामने है। लेकिन हमेशा की तरह वायुसेना हर चुनौती के लिए खुद को तैयार कर रही है। ब्रह्मोस मिसाइल, रोहिणी रडार, तेजस विमान और आकाश मिसाइल सिस्टम भारतीय तकनीक से निर्मित है। इसी तरह आने वाले समय में भी भारतीय तकनीक से विकसित विमान और मिसाइल सिस्टम वायुसेना का हिस्सा बनेंगे। नेटवर्क सपोर्ट विमान अब भारतीय वायुसेना के हिस्सा हैं और इससे वायुसेना की ताकत बढ़ी है। इस साल के अंत तक भारतीय वायुसेना को पूरी तरह पेपरलेस करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति करना तीनों सेनाओं के सामंजस्य के लिए बहुत अच्छा है। पैराट्रूपर्स ने आठ हजार फीट की ऊंचाई से पैराशूट से कई फॉरमेशन में समारोह स्थल पर जंप किया। पैराजंपर्स ने स्काई डाइविंग के कई करतब दिखाए। फिर परेड मार्च में वायु सेना के जवान कदमताल करते दिखाई दिए।