युवक की हत्या, दलित समाज ने किया प्रदर्शन

IN8@ हिसार, : जिला हिसार के गांव असरावा में दलित परिवार के घर में घुसकर लाठी डंडे और रॉड जैसे हथियारों से मारपीट कर एक युवक फिरोजी की हत्या करने तथा चार अन्य दलितों को घायल करने के मामले में आज दलित समाज के लोगों ने पीजीआई अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में प्रदर्शन किया। उक्त हमले में घायल अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में एडमिट हैं तथा मृतक फिरोजी का शव रखा हुआ था।

आज पुलिस ने अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में घायल धीराराम के बयान पर नौ आरोपियों अनमोल, राहुल राकेश, सुंदर, विष्णु, वजीर, सोनू, पवन व सुरेंद्र उर्फ कालू के खिलाफ हत्या तथा अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। अपने बयान में धीराराम ने बताया कि 11 जुलाई की शाम 5:30 बजे उक्त आरोपी हथियारों के साथ घर में घुसे तथा मां बहन तथा जातिसूचक गालियां देते हुए परिवार पर हमला कर उन्हें चोटें मारी। मौके पर कुछ लोगों के आ जाने से आरोपी वहां से भाग गए तथा इसके बाद पांच घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया जिसमें इलाज के दौरान फिरोजी नामक दलित युवक की मौत हो गई ।

गांव असरावा के युवक फिरोजी की हत्या के मामले में आज गांव दलित के पीड़ितों सहित पूरे हिसार जिले के दलित समाज के लोगों ने अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में अपना डेरा डाल दिया। प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले अधिवक्ता रजत कलसन ने मौके पर प्रदर्शनकारियों को समझाने आये डीएसपी नारायण चंद से पीड़ित परिवार की तरफ से मांग की कि इस मामले में सभी आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए व गांव असरावा में अस्थाई पुलिस चौकी बनाई जाए तथा पीडि़त परिवार को एससी एसटी एक्ट के तहत सहायता दी जाए व गांव से शराब का ठेका हटाया जाए व पीडि़त परिवार को तुरंत सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए तथा लापरवाही करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाए।

इसके बाद डीएसपी नारायण चंद ने सभी आरोपियों को 24 घंटे के अंदर गिरफ्तार करने तथा बाकी मांगों को पूरा कराने का भी आश्वासन दिया। परंतु पीडि़त परिवार तथा प्रदर्शनकारियों ने समाचार लिखने तक बिना आरोपियों को गिरफ्तार किए शव उठाने से इंकार कर दिया। इस मौके पर जय भीम आर्मी के चेयरमैन संजय चौहान, डॉक्टर बीआर अंबेडकर वेलफेयर डेवलपमेंट क्लब के अध्यक्ष सुग्रीव लूना, बसपा नेता अधिवक्ता बजरंग इंदल, कृष्ण सैनीपुरा, हरिसिंह, बजरंग खीचड़, पवन बलराज सातरोड, अजय भाटला, पूनम बौद्ध, दिलबाग सिह, रूपराम सिरोही तथा सैकड़ों अन्य लोग मौजूद थे।