प्रमोद शर्मा@ गाजियाबाद। कोरोना महामारी की वजह से बाधित हुई परिषदीय विद्यालयों के बच्चों की पढ़ाई अब पाठ्य पुस्तकें मिलने से शुरू हो सकेगी। शासन के निर्देश पर विद्यालयों में सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों का पालन करते हुए छात्र-छात्राओं के अभिभावकों को पाठ्य पुस्तकें दी गई। मुरादनगर के प्राथमिक विद्यालय खुर्रमपुर प्रथम एवं अमीरपुर गढ़ी में सोमवार को विद्यालय में ही अभिभावकों को बुलाकर बच्चों के लिए निशुल्क पाठय पुस्तकों का वितरण किया गया।
प्राथमिक विद्यालय खुर्रमपुर प्रथम की प्रधानाध्यापिका लक्ष्मी त्यागी ने बताया कि वैश्विक महामारी कोविड–19 के कारण सरकार द्वारा सभी परिषदीय विद्यालयो को 13 मार्च से पूरी तरह बंद कर दिया गया था। बच्चों की वार्षिक परीक्षा भी नहीं हो पायी थी। शासन द्वारा बिना परीक्षा के ही सभी बच्चों को अगली कक्षा में प्रोन्नत करने के निर्देश दिए गए थे तथा शिक्षकों द्वारा घर में ही रहकर टेलीविजन व रेडियो पर ई पाठशाला कार्यक्रमों के माध्यम से बच्चों को अध्ययन हेतु प्रेरित किया जा रहा था। वर्तमान में भी कोविड का प्रकोप निरन्तर बढ़ रहा है एवं अभी भी सरकार द्वारा विद्यालयों में बच्चों को ना बुलाये जाने के स्पष्ट निर्देश है। विद्यालय में ही कम संख्या में अभिभावकों को बुलाकर बच्चों के लिए नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकों का वितरण किया गया।
ताकि घर पर ही रहकर बच्चे ुअपनी पढाई पूरी कर सकें। शिक्षक संघ के प्रांतीय मंत्री डॉ अनुज त्यागी का कहना है कि लॉकडाउन की अवधि में जबकि पूरा विश्व एक भयावह महामारी से जूझ रहा है ऐसे में भी शिक्षा विभाग द्वारा ससमय बच्चों के लिए पाठ्य पुस्तकों की उपलब्धता वास्तव में बडा काम है। शिक्षकों द्वारा सरकार की गाइडलाइन के अनुसार सोशल डिस्टेंनसिंग का पालन करते हुए अभिभावकों के माध्यम से बच्चों तक पुस्तकें पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं ताकि अगली कक्षा की पुस्तकों से भी बच्चों का जुड़ाव बना रहे।