-31 जवानों की टीम में इंस्पेक्टर, दो दारोगा और 28 महिला सिपाही शामिल
विनोद पांडेय @ गाजियाबाद। आज के आधुनिक समय में लड़कियां प्रत्येक क्षेत्र में अपना लोहा मनवा रही हैं। महिलाओं को उनके जीवन से प्रेरणा लेने और चुनौतियों से लडऩे के लिए जागरूक किया। पीके तिवारी ने बताया कि पहले एनडीआरएफ के सिर्फ चिकित्सा विभाग में ही महिलाएं थीं। राहत व बचाव कार्य में महिला जवानों के आने से आपदा में फंसी महिलाओं को निकालने में उनकी निजता बनी रहेगी। देश की पहली महिला एनडीआरएफ टीम तैयार हो गई है। गाजियाबाद की आठवीं बटालियन में दो माह के प्रशिक्षण के बाद 31 जवानों की यह टीम भूकंप या इमारत के गिरने की आपदा में कार्य करने को तैयार है।
गुरूवार को कमला नेहरूनगर एनडीआरएफ में प्रेसवार्ता के दौरान बटालियन के कमांडेंट पीके तिवारी ने बताया कि अब आधिकारिक रूप से देश की पहली महिला टीम आपदा के लिए तैयार है। हालांकि अभी चार माह प्रशिक्षण शेष है, जिसके बाद महिला जवान किसी भी आपदा में पुरुष जवानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेगी। एनडीआरएफ की पहली महिला टीम में इंस्पेक्टर, दो दारोगा और 28 सिपाही शामिल हैं। ये सभी जवान आइटीबीपी (इंडियन तिब्बत बार्डर पुलिस) की अलग-अलग बटालियन से हैं, क्योंकि एनडीआरएफ में भर्तियों नहीं होतीं।
पहली महिला टीम ने दो माह के दौरान मेडिकल फर्स्ट्स रेस्पांडर और सर्च एंड रेस्क्यू इन कोलैप्स स्ट्रक्चर का कोर्स पूरा कर लिया है। अगला प्रशिक्षण रोप क्लाइंबिंग का होगा और फिर स्विमिंग एंड फ्लड रेस्क्यू और सीबीआरएन (केमिकल बॉयोलॉजिकल, रेडियोएक्टिव एंड न्यूक्लियर) आपदा में कार्य करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उपनिरीक्षक शिवानी अग्रवाल ने बताया कि एनडीआरएफ में आने से देश की सेवा तो करूंगी ही। साथ ही यहां मिला प्रशिक्षण आपरेशनल ड्यूटी के साथ व्यक्तिगत जीवन के लिए भी बहुत उपयोगी है। पीके तिवारी का कहना है कि महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं। अभी पहली टीम तैयार हुई है। प्रशिक्षण में महिला जवानों ने खासा उत्साह दिखाया है। आगे और भी टीम तैयार होंगी।