देश-दुनिया के इतिहास में 11 अगस्त की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। यह तारीख भारत के स्वतंत्रता संग्राम के लिए बेहद खास है। देश की आजादी की लड़ाई में कुछ नौजवानों का बलिदान इतना उद्वेलित करने वाला रहा है कि उसने पूरे देश में स्वतंत्रता संग्राम का रुख बदला है। इनमें एक बड़ा नाम खुदीराम बोस का है, जिन्हें 11 अगस्त 1908 को फांसी दे दी गई। उस समय उनकी उम्र महज 18 साल कुछ महीने थी। अंग्रेज सरकार उनकी निडरता और वीरता से इस कदर आतंकित थी कि उनकी कम उम्र के बावजूद उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई। यह साहसी क्रांतिवीर हाथ में गीता लेकर खुशी-खुशी फांसी चढ़ गया। खुदीराम की लोकप्रियता का यह आलम था कि उनको फांसी दिए जाने के बाद बंगाल के जुलाहे एक खास किस्म की धोती बुनने लगे। इसकी किनारी पर खुदीराम लिखा होता था और बंगाल के नौजवान बड़े गर्व से वह धोती पहनकर आजादी की लड़ाई में कूद पड़े।
Related Posts
कंटेनमेंट जोन में रहने वाले लोग उड़ान नहीं भर सकेंगे
नई दिल्ली । : दिल्ली मंत्रालय द्वारा 25 मई से घरेलू उड़ानों को अनुमति दी गई है। अब हवाई यात्रा शुरू हो…
मलेशिया ने देश के 70% लोगों के लिए वैक्सीन का ऑर्डर दिया
दुनिया में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 7.26 करोड़ के ज्यादा हो गया। 5.08 करोड़ से ज्यादा लोग ठीक हो चुके…
राजेन्द्र नगर विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस भाजपा के बीच सीधा मुकाबला
प्रमोद शर्मा @ नई दिल्ली: राजेन्द्र नगर विधानसभा उपचुनाव में काँग्रेस प्रत्याशी श्रीमती प्रेमलता ने चुनाव प्रचार के अंतिम चरण…