IN8@चंडीगढ़….हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने विपक्ष द्वारा प्रचारित कथित शराब घोटाले की पोल खोलकर रख दी। आंकड़ों एवं तथ्यों का सिलसिलेवार ब्यौरा देते हुए डिप्टी सीएम ने बताया कि कोरोना काल में आबकारी विभाग ने रिकॉर्ड क्लेक्शन किया है। उन्होंने कहा कि सरकार को चूना लगाने की बात करने वाले अब यह बताएं कि हरियाणा गठन से आजतक पहली तिमाही में इतना रिकॉर्ड तोड़ राजस्व नहीं आया जितना कि कोरोना काल में आया है तो फिर घोटाला कहां हुआ। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला वीरवार को यहां हरियाणा निवास में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उपमुख्यमंत्री (जिनके पास आबकारी एवं काराधान विभाग भी है) ने बताया कि हरियाणा के आबकारी विभाग ने एक्साइज ड्यूटी कलेक्शन में नया रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन व कोरोना संक्रमण की वजह न तो परिवहन व्यवस्था थी, न ही होटल-मॉल खुल रहे और न ही मल्टीनेशनल कंपनियों में काम हो रहा है। ऐसे में आबकारी विभाग के सामने राजस्व बढ़ाना सबसे बड़ी चुनौती थी। पिछले वर्ष की तिमाही के मुकाबले अलग-अलग मदों में विभाग ने इस तिमाही में 262 करोड़ 98 लाख 42 हजार 438 रुपये अधिक जुटाए है। इसमें एक्साइज व एडिशनल एक्साइज ड्यूटी के अलावा परमिट व रिटेल लाइसेंस फीस भी शामिल हैं। आबकारी विभाग ने जहां पिछले साल की पहली तिमाही में 2142 करोड़ 90 लाख 80 हजार 186 रुपये राजस्व जुटाया था, इस वर्ष पहली तिमाही में यह बढ़कर 2405 करोड़ 89 लाख 22 हजार 624 रुपये हो गया।
डिप्टी सीएम ने कहा कि प्रदेश के गठन से लेकर आज तक पहला ऐसा अवसर आया है जब सरकार ने नई एक्साइज पॉलिसी के पहली ही तिमाही में 27 करोड़ रुपये से अधिक की एडिशनल एक्साइज ड्यूटी प्राप्त की है। यह एक्साइज ड्यूटी पिछले वर्ष की प्रथम तिमाही के मुकाबले 2700 गुणा अधिक है जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। 2019-20 के दौरान पहली तिमाही में महज 95 हजार 150 रुपये ही एडिशनल एक्साइज ड्यूटी सरकार को मिली थी। उन्होंने बताया कि इससे पहले 2016-17 में पहली तिमाही यानि पहली अप्रैल से 30 जून तक 2 करोड़ 88 लाख 93 हजार 916 रूपये, 2017-18 में 3 करोड़ 1 लाख 97 हजार 448 रूपये तथा 2018-19 में 1 करोड़ 30 लाख 1 हजार 437 रूपये एडिशनल एक्साइज ड्यूटी ली थी।