गाजियाबाद। सतर्क रहें, क्योंकि हो सकता है कि किसी ने इनकी सेवा से सामान चुरा लिया हो और नुकसान आपका हो। घटना के 10 दिन से अधिक समय बीत जाने के बाद भी एमाजॉन को लापता वस्तु या डिलीवरी करने वाले व्यक्ति के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। यदि यह व्यक्ति कोई गंभीर अपराध करता है, तो एमाजॉन को ग्राहक सुरक्षा के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। ग्राहक सुरक्षा के हित में अमेजन को कड़े कदम उठाने चाहिए। यहां तक कि अपनी सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित करने पर भी विचार करना चाहिए।
यह बातें व्यापारियों एकता समिति इंदिरापुरम के सयोजक प्रदीप गुप्ता ने कहीं। उन्होंने कहा हाल ही में इंदिरापुरम निवासी पूजा सिंघल ने अपने बेटे के लिए एमाजॉन पर काजरमैक्स से एक ग्रे रंग का क्लॉग यानी चप्पल (858.00 रुपये) का ऑर्डर दिया था और हालांकि, कुछ फिटिंग समस्या के कारण, इसे वापस करने के लिए कहा। एमाजॉन से 19 अगस्त को साढ़े चाज बजे एमाजॉन पिकअप वाला वापसी पिकअप के लिए उक्तस्थान पर पहुंचा। हालांकि, उसने क्लॉग यानी चप्पल मांगने के बजाय जूते मांगे। इनकी घरेलू सहायिका ने अनजाने में उसे होका शूज महिलाओं के जूते दे दिए जो (टाटा क्लिक से 7799.00 रुपये में खरीदे गए)। उस आदमी ने मेरे दरवाजे पर और यहां तक कि घर के बाहर भी 5 मिनट तक लौटाए गए उत्पाद की जांच की (स्क्रीनशॉट संलग्न हैं), लेकिन उसने मेरे घरेलू सहायक को गलत उत्पाद के बारे में सूचित नहीं किया और न ही कॉल करके सचेत किया। उस महंगे उत्पाद को अपने साथ ले गया। जब इसका पता पूजा सिंघल को चला तो तुरंत एमाजॉन ग्राहक सेवा को फोन किया और उन्हें इसकी जानकारी एक घंटें में दी। ग्राहक सेवा कार्यकारी मोहित ने बताया कि समस्या का समाधान हो जाएगा, वह व्यक्तिगत रूप से अनुवर्ती कार्रवाई करेंगे और मुझे अपना उत्पाद वापस मिल जाएगा।
20 अगस्त को ग्राहक सेवा पर फिर से कॉल किया तो शिकायत की स्थिति के बारे में सूचित नहीं कर पाए और कोई समाधान नहीं दिया गया। इसके बजाय उनका कहना था कि अपना उत्पाद वापस नहीं मिलेगा और उनके पास लेने वाले व्यक्ति का कोई संपर्क विवरण भी नहीं है। उनसे जब डिलीवरी ब्वॉय का संपर्क विवरण या उनके गोदाम का पता साझा करने का अनुरोध किया, लेकिन उन्होंने कोई भी जानकारी देने से इनकार कर दिया। तब से अब तक 10 से ज़्यादा कॉल होने के बावजूद आमजन संपूर्ण रूप से अपनी जि़म्मेवारी से नकार रहा है।
यह हास्यास्पद है, एमाजॉन जैसी कंपनी डिलीवरी/पिकअप करने वालों का ट्रैक कैसे नहीं रख सकती, अगर यह आदमी कुछ गंभीर अपराध करता है, तो एमाजॉन भी कहेगा कि उनके पास उनकी डिलीवरी/पिकअप का कोई संपर्क विवरण नहीं है।
वहीं पूजा सिंघल कहना है कि एमाजॉन से अगर कोई भी सामान ऑर्डर कर रहे है तो सावधान रहें क्योंकि सामाज को एक्सचेंज के नाम पर आपके साथ ठगी हो सकती है। जिसमें शायद कोई एमाजॉन का कर्मचारी ही मिला हो। क्योंकि ऑर्डर को एक्सचेंज करते समय इसकी जानकारी एमाजॉन कंपनी के कर्मचारी और अधिकारियों को ही होती है। बाहरी व्यक्ति कैसे एमाजॉन का सामान लेने आ सकता है। उनके डिलीवरी कर्मियों के साथ व्यवहार करते समय सतर्क रहें, क्योंकि पिकअप के लिए आने वाले व्यक्ति की पहचान के बारे में कोई रसीद या पुष्टि प्रदान नहीं की जाती है। एमाजॉन की प्रतिक्रिया न्यूनतम रही है, केवल यह कहते हुए कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि पिकअप किसने संचालित किया था। यदि पिकअप को योजना के अनुसार निष्पादित नहीं किया गया था तो वे कम से कम संकेत दे सकते थे। एमाजॉन के कई लोग अपराध करने के लिए सड़कों पर खुले आम घूम रहे है। एमाजॉन जैसी बड़ी अंतरराष्ट्रीय कंपनी को इनके बारे में कोई जानकारी नहीं है।
समूह की संयोजिका तथा प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नोडल शिक्षिका नीरव शर्मा स अ यूपीएस बागरानप लोनी द्वारा प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए परिषदीय विद्यालयों के बच्चों के लिए निशुल्क पुस्तक वितरण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह पुस्तक बहुत उपयोगी है और बच्चों के लिए बहुत मददगार साबित हो रही है। वर्तमान में राष्ट्रीय आय एवम् योग्यता आधारित छात्रवृति योजना परीक्षा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण किए जा रहे है जिसकी परीक्षा पूरे प्रदेश में 5 नवंबर को होगी। चयनित बच्चों को 9 से 12 कक्षा तक सालाना 12000 रुपए प्रति माह मिलेंगे। शिक्षिका द्वारा सभी शिक्षकों को प्रेरित किया जा रहा है। जिससे जनपद गाजियाबाद में अपने निर्धारित लक्ष्यों के सापेक्ष प्रतियोगी परीक्षाओं में छात्र-छात्राओं को शत प्रतिशत सफलता प्राप्त हो सके। जनपदीय समूह में मधु, पूजा, रेनू चौधरी, इमराना सिद्दीकी, राजकुमार, मनीष शर्मा, कविता वर्मा, रेनू चौहान, बबिता गुप्ता, सुमन, आवृति अग्रवाल, ममता, अर्चना, अनुराधा आदि शिक्षकों द्वारा सहयोग किया जा रहा है।