कन्या विवाह योजना में श्रम विभाग के दलालों ने किया फर्जीवाड़ा, 156 शादियां निकली फर्जी

गाजियाबाद। जिले में कन्या विवाह योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। लोकायुक्त के आदेश पर हुई जांच में 156 शादियां फर्जी पाई गई हैं। इन युवतियों की शादी या तो कई साल पहले ही हो चुकी है, या फिर ये हैं ही नहीं। किसी ने पैसे के लिए बेटी की दो बार शादी कराई तो बेटी की शादी होने के बाद दोबारा शादी कराकर पैसे ले लिए। दलालों ने कन्या विवाह योजना के नाम पर अपना धंधा शुरु कर दिया। इन लोगों को चंद रुपयों का लालच दिया। फिर योजना के फॉर्म पर दस्तखत करा लिए। कुछ देर के लिए किसी को भी वर-वधु बनाकर शादी के मंडप में भी बैठा दिया। शादी की फोटो खिंचवाई, खाते में पैसे आए और दूल्हा-दुल्हन अलग-अलग हो गए। डीएम ने करीब 800 पेज की जांच रिपोर्ट पिछले हफ्ते ही लोकायुक्त लखनऊ को भेजी है। माना जा रहा है कि इस केस में बहुत जल्द बड़ी कार्रवाई हो सकती है। श्रम विभाग में रजिस्ट्रेशन करने वाले मजदूरों से कुछ दलालों ने संपर्क किया। कहा कि वे उनको 10-20 हजार रुपए दिला देंगे। उसके बदले कुछ कागजों पर हस्ताक्षर करने होंगे। मजदूरों ने पैसे की खातिर ऐसा ही किया और दलालों को आधार कार्ड, फोटो व अन्य डॉक्यूमेंट्स दे दिए। इन दलालों ने मजदूरों की बेटियों की शादी के ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भर दिए।

श्रम विभाग में साठ-गांठ करके आवेदन पत्र भी मंजूर करा लिए। गाजियाबाद में 24 नवंबर 2022 को सामूहिक विवाह के वक्त कुछ देर के लिए जोड़े ले जाकर बैठा दिए। वहां फोटो खिंचे और कुछ दिनों में पैसा खाते में आ गया। जब कुछ मजदूरों को पूरा पैसा नहीं मिला, तो उन्होंने इधर-उधर शिकायत करनी शुरू की। तब जाकर ये पूरा फर्जीवाड़ा सामने आया।
नई बस्ती हरवंशनगर के रहने वाले महेंद्र सिंह ने योजना के तहत तीन बेटियों शादी कराई। सरकार से सवा 2 लाख रुपए लिए। जांच में पता चला कि महेंद्र ने जो तीन बेटियां दिखाई हैं, उसमें से दो बेटियां रियल में हैं ही नहीं। यही नहीं, आधार कार्ड में तीनों की उम्र में जन्मतिथि का अंतर सिर्फ 3 से 5 महीने का है, जो संभव नहीं है।

गांव अमराला के मजदूर धर्म सिंह ने भी अपनी बेटी की शादी दिखाकर सरकार से पैसा पाया है। जांच में पता चला कि बेटी की शादी 5 साल पहले ही हो चुकी है। अब उसके बच्चे भी हैं। अतरौली गांव की प्रेमवती ने अपनी बेटी निधि की शादी दिखाकर पैसा लिया। जांच के अनुसार, प्रेमवती की इस नाम की कोई बेटी ही नहीं है। आधार कार्ड में प्रेमवती की उम्र 30 साल और बेटी की उम्र 27 साल है। यानी जब बेटी पैदा हुई, तब मां की उम्र सिर्फ 3 साल थी, जो संभव नहीं है। कन्या विवाह योजना का लाभ उन्हीं मजदूरों को मिल सकता है। जिनका श्रम विभाग में रजिस्ट्रेशन कम से कम 365 दिन पुराना हो। ऐसे मजदूरों की बेटियों को शादी के लिए सरकार 82-82 हजार रुपए की आर्थिक मदद मिलती है। बेटियों की सामूहिक शादी कराई जाती है। इसमें 65 हजार रुपए शादी अनुदान, 10 हजार रुपए दूल्हा-दुल्हन के कपड़े के लिए और 7 हजार रुपए अन्य व्यवस्थाओं के लिए दिए जाते हैं। गाजियाबाद में 3 जिलों के करीब तीन हजार जोड़ों की सामूहिक शादियां 24 नवंबर 2022 को हुई थीं।

भारतीय किसान यूनियन (किसान शक्ति) के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री पंडित गजेंद्र शर्मा ने इसी साल 16 मार्च को लोकायुक्त लखनऊ को शादियों में फर्जीवाड़े की शिकायत भेजी थी। उन्होंने 175 फर्जी शादियों की लिस्ट भी सौंपी। अप्रैल के पहले सप्ताह में लोकायुक्त ने जांच का आदेश कर दिया था। उन्होंने डीएम राकेश कुमार सिंह से 15 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट मांगी। तीन सदस्यीय कमेटी ने लंबी जांच करने के बाद अपनी रिपोर्ट डीएम को सौंपी। 21 अगस्त 2023 को डीएम ने करीब 800 पेज की जांच रिपोर्ट उपलोक आयुक्त लखनऊ को भेज दी है। रिपोर्ट के अनुसार, 175 में से 156 शिकायतें जांच में सही पाई गई हैं। 2 शिकायतों की पुष्टि नहीं हो पाई और 3 शिकायत गलत हैं। जबकि 175 की लिस्ट में 14 मजदूरों के नाम डबल पाए गए।
डीएम राकेश कुमार सिंह ने बताया कि लोकायुक्त लखनऊ के आदेश पर शादी योजना में हुई धांधली की जांच आई थी। जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। चूंकि मामले में लोकायुक्त ने संज्ञान लिया है, इसलिए वहीं से निर्देश मिलने के बाद इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।