विनोद पांडेय @ गाजियाबाद। कान्हा इस बार अपने जन्म दिन पर 5246 साल के हो जाएंगे। कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर बाजार सज गए हैं। ग्राहक के आने से रौनक नजर आने लगी है। बाजार में खरीदारों की भीड़ जुटने लगी है।
जन्माष्टमी को लेकर अलग-अलग प्रकार की सामग्री और मूर्तियां श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर बाजार सज गए हैं। जन्माष्टमी को लेकर अलग-अलग प्रकार की सामग्री और मूर्तियां बिक रही हैं। तरह-तरह की मूर्तिया भा रहीं लोगों को बाजार में भगवान श्रीकृष्ण की मूर्तियों की अच्छी खासी रेंज है। कान्हा की पोशाकें, हिडोले, पालना, सजावट का सामान कृष्ण भक्तों को लुभा रहा है।
बाजार में डिजाइनर कान्हा के लिए झूले की सबसे अधिक मांग है। बाजारों के अलावा महिलाएं घरों में भी कान्हा की पोशाक और झूले तैयार कर रही हैं। भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव 11 और 12 अगस्त को मनाया जाएगा। जन्माष्टमी की तैयारियों को लेकर बाजार सज गया है। जन्माष्टमी पर व्रत रखने और भगवान श्रीकृष्ण की आराधना की परंपरा है।
कोरोना संक्रमण के चलते इस बार मंदिरों में नहीं घरों में जन्माष्टमी की झांकियां भी सजाई जाएंगी। बच्चों के लिए भी पोषाक झूले और लड्डू गोपाल की प्रतिमा की खरीददारी हो रही है। इस बार डिजाइनर और रंग-बिरंगे झूलों की मांग अधिक है। बच्चों के लिए कृष्ण की आकर्षक पोशाक भी बाजार में उपलब्ध हैं। इनमें धोती, कुर्ता और दुपट्टा पसंद किया जा रहा है। कान्हा के पीले और नारंगी रंगों के अलावा विभिन्न रंगों की पोशाक हैं।
साथ में सजावट के लिए बिजली की झालरों आदि की भी खूब खरीदारी की जा रही है। इस बार जन्माष्टमी पर खरीदारों की भीड़ ठीकठाक है। हालांकि कोरोना संक्रमण के चलते लोग बाजारों में भले ही कम जा रहे हैं। बाजार में झूलों की बड़ी रेंज उपलब्ध है। 200 रुपये से लेकर तीन हजार रुपये तक के झूले बाजार में मिल रहे हैं।
इनमें लकड़ी, स्टील और पीतल के बने झूले भी शामिल हैं। जन्माष्टमी की झांकी सजाने के लिए घर-घर बच्चे तैयारियों में जुटे हैं। इनके लिए बाजार में छोटे खिलौनों की भी बिक्री हो रही है। हाथी, घोडों से लेकर ट्रैफिक पुलिस मैन, सैनिकों आदि के खिलौने सबसे ज्यादा पसंद किए जा रहे हैं।
बाजार में भगवान श्रीकृष्ण की मूर्तियों की अच्छी खासी रेंज
तुराबनगर स्थित पूजा हैंडिक्राफ्ट के संचालक अनुज गोयल ने बताया कि बाजार में भगवान श्रीकृष्ण की मूर्तियों की अच्छी खासी रेंज है। झूले 150 रुपये से लेकर हजार रुपये तक में उपलब्ध हैं इसके अलावा कान्हा जी की मूर्तियां भी 150 से शुरू होकर 5000 तक की मूर्तियां हैं। सामान्य मूर्तिया 500 रुपये तक अच्छी क्वालिटी की मिल जाएंगी। वहीं ज्वैलरी की दुकानों में चांदी की मूर्तियों की बिक्री अधिक हो रही है। जिनकी कीमत 1000 से 5000 रूपए के बीच है। शहर के बाजारों में मेटल की बनी मूर्तिया उपलब्ध हैं। कीमत थोड़ी ज्यादा है। तांबे की मूर्तियों की भी अच्छी डिमांड है। लकड़ी के डेकोरेटेड झूले लोगों को भा रहे हैं।