प्रमोद शर्मा@ गाजियाबाद। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने हिंदुस्तान समेत पूरी दुनिया को जकड़ लिया है। मोदी सरकार ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन कर रखा है, जिसके चलते लोगों का काम ठप हो गया है। युवा एसिड अटैक पीडि़त अमित कुमार ने बताया कि लॉक डाउन में मजदूर बेरोजगार हो गए हैं और अपने घरों को पलायन कर रहे हैं। लेकिन मजदूरों को अपने प्रदेश में पहुंचाना भारत के लिए बहुत भारी पड़ेगा, क्योंकि वह कोरोना वायरस गांव में लेजा रहे हैं। जहां इलाज की व्यवस्था नहीं है और जो सरकारें यह मजदूरों का पलायन करा रही है। वह भी इतनी ही दोषी हैं और मजदूरों का पलायन कराए जाने में लोग भी जिम्मेदार है। देश को कोरोना की भट्टी में झोंकने के लिए जो सरकारी मजदूरों को भगाने के लिए उकसा रही हैं और वह सरकारें चाहती हैं करोड़ों लोग मरे ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हटाया जा सके,वह संभव नहीं है। अब कोरोना गांव में पहुंचना शुरू हो गया है। उन्होने बताया कि राजनीतिक लोग लाशों की गिनती टीवी पर सुनाएंगे उन्हें शर्म नहीं आती। मोदी ने कहा था जो जहां है वही रहेंगे लेकिन मजदूरों की देखभाल इन्होंने नहीं की, राशन की किट उनके पास बहुत देर से पहुंचाई गई,अब तक सामाजिक संस्थाओं ने बहुत काम किया है। लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार या जिन प्रदेशों में भाजपा की सरकार है। उनके अलावा किसी और सरकारों ने मजदूरों का पलायन नहीं रोका और ना ही मजदूरों ख्याल रखा, इसलिए महामारी फैलेगी, हमारा दुर्भाग्य है कि ऐसे लोग देश में है जो मौतों का इंतजार कर रहे हैं। उसके बाद लाशों पर राजनीति करेंगे। अमित कुमार ने बताया मैं किसी का नाम नहीं ले रहा टीवी पर सब कुछ चल रहा है। जो भी मोदी जी की निंदा कर रहा है, वह जनता देख रही है। जनता सब समझ रही है मजदूरों के पलायन के लिए मोदी जी ने ट्रेन एवं बसों की व्यवस्था की है। लेकिन यह सब करने में उन्हें बहुत दुख पहुंच रहा होगा क्योंकि मजदूर सड़क पर उतर आए हैं। अन्य प्रदेशों की सरकारों ने मजदूरों का पलायन नहीं रोका पहले जमात ने यह सब किया और अब मजदूरों के पलायन कोरोनी फैल रहा है। यह उचित नहीं है सरकारी तंत्र भी इसके लिए जिम्मेदार है। जो मजदूरों का पेट नहीं भर सका और मजदूरों को कोरोना लेकर गांव भेज रही हैं। भगवान ऐसे लोगों को क्षमा नहीं करेंगे।
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