-चिकित्सकों के साथ जिलाधिकारी ने की बैठक,बार्डर पर पुलिस की चेकिंग जारी
-स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर और सुदृढ़ करने के लिए मरीजों के इलाज को दे प्राथमिकता
प्रमोद शर्मा@ गाजियाबाद। कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों का जिले में मिलने का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को जिले में नए 5 कोरोना संक्रमित मरीजों की पुष्टि हुई है। वहीं,सैंपल की 195 रिपोर्ट निगेटिव आई है। कोरोना संक्रमित मरीजों को जिला संयुक्त अस्पताल और राजेंद्रनगर स्थित ईएसआई अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की लगातार बढ़ रही संख्या के चलते जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं,कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढऩे के बाद अब कोरोना पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा-265 तक पहुंच गया है। सीएमओ डॉ.एनके गुप्ता ने बताया कि सैंपल की पूरी रिपोर्ट नहीं आई है। प्राइवेट लैब से रिपोर्ट आने के बाद मरीजों की संख्या बढ़ सकती है। जिले में गुरूवार को 15 कोरोना संक्रमित मरीजों की पुष्टि हुई थी। प्राइवेट लैब से आने वाली जांच रिपोर्ट के बाद संख्या बढ़ सकती हैं। जिले में अब 58 पॉजिटिव केस है। इसके साथ ही घर पहुंचने वालों की संख्या 203 तक पहुंच गई हैं। कुल 195 रिपोर्ट में 150 की रिपोर्ट निगेटिव आई हैं।
अस्पताल में मरीजों का इलाज का दें प्राथमिकता:जिलाधिकारी
कोरोना वायरस संक्रमण के बचाव को लेकर स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर और सुदृढ़ करने के लिए जिलाधिकारी डॉ.अजय शंकर पांडेय ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि अस्पताल में आने वाले मरीजों का इलाज प्राथमिकता पर होना चाहिए। शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने एडीएम वित्त एवं राजस्व यशवर्धन श्रीवास्तव,सीएमओ डॉ.एन के गुप्ता,सीएमएस डॉ.दीपा त्यागी आदि चिकित्सकों के साथ बैठक की। जिलाधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप लॉकडाउन अवधि समाप्त होने से पहले सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पताल क्षमता के अनुसार अपनी स्वास्थ्य सेवाएं संबंधी तैयारियां सुनिश्चित कराएं। अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीज को देखा जाए। अस्पतालों में मरीजों को भर्ती करते समय अस्पताल प्रबंधन द्वारा गंभीरता से उन्हें प्राथमिक उपचार के लिए भर्ती कराएं। अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को आइसोलेशन वार्ड में रखकर उपचार शुरू होने के बाद ही उन्हें कोविड टेस्ट की प्रक्रिया कराए। मरीजों को कोविड टेस्ट की वजह से उपचार में कोई प्रताडऩा न करें। मरीजों की देखभाल का दायित्व अस्पताल प्रबंधन और सीएमएस की देखरेख में होगा। जिलाधिकारी ने कहा कि अस्पताल के प्रत्येक वार्ड में मरीजों को चादर,बेडशीट,तकिए का कवर आदि रोज बदला जाए। अस्पताल के मुख्य द्वार पर आगुंतकों के लिए सैनिटाइज करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। थर्मल स्केनिंग के जरिए बॉडी तापमान लेने के बाद ही अस्पताल परिसर में आने-जाने दिया जाए। अस्पताल परिसर में सुबह,दोपहर,शाम और रात में नियमित रूप से सेनेटाइजेशन की कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाए। वहीं अस्पताल में पीने का स्वच्छ पानी और सफाई कराई जाए। जिलाधिकारी ने सीएमएस की जिम्मेदारी निर्धारित करते हुए कहा कि अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले हर व्यक्ति को देखा जाए। मरीज को सही प्रकार से अटैंड नहीं करने पर शिकायत आने पर संबंधित सीएमएस के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अस्पताल में आने वाले इलाज के लिए मरीज और हर व्यक्ति के साथ अस्पताल प्रबंधन विन्रम व्यवहार करें। जिलाधिकारी ने अपर मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिए कि जिले में सभी प्राइवेट अस्पतालों के प्रबंधन से समन्वय बनाकर कोविड-19 के संबंध में शासनादेश का अनुपालन सुनिश्चित कराएं। सख्ती से कराएं लॉकडाउन का पालन: वहीं,एसएसपी कलानिधि नैथानी ने लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने के लिए कई इलाकों में निरीक्षण किया। पुलिसकर्मियों को निर्देश दिए कि लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले और चार पहिया वाहन में ड्राइवर के अतिरिक्त 2 व्यक्ति से ज्यादा चलने पर चालान करें। बाइक पर एक व्यक्ति ही मान्य हैं। थ्री व्हीलर पर दो व्यक्ति ही चल सकेंगेे। एसएसपी के निर्देशों के तहत बॉर्डर पर पुलिस की चेकिंग के अलावा क्षेत्रों में पुलिस ने लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की। जिले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 976 वाहनों के चालान किए। जबकि 11 वाहन सीज किए। करीब 1.86 लाख 200 रुपए का जुर्माना वसूला गया।