गाजियाबाद में आबकारी विभाग की ऐसी कार्रवाई कि शराब पर 10 रुपए अतिरिक्त कमाने के चक्कर में 20 विक्रेताओं को पहुंचाया जेल

गाजियाबाद। जनपद में अवैध शराब के कारोबार को जड़ से खत्म करने के साथ-साथ ओवर रेटिंग करने वाले विक्रेताओं को भी आबकारी विभाग कार्रवाई करने से परहेज नहीं कर रहा है। आबकारी विभाग की छवि को धूमिल करने वाले विक्रेताओं के खिलाफ अभियान चलाकर लगातार कार्रवाई की जा रही है। जानकार बताते हैं कि शराब की दुकान पर मौजूद विक्रेता ही अपने फायदे के लिए ग्राहकों से ओवर रेटिंग करते है। जिस कारण दुकानों पर आए दिन ओवर रेटिंग की शिकायतें मिलती है। विक्रेताओं की इस करतूत के चलते आबकारी विभाग की छवि धूमिल होती है। मगर अब शराब पर ओवर रेटिंग करना इतना आसान नहीं है। क्योंकि शराब पर अंकित मूल्यों से अधिक रुपए वसूलने पर जेल की हवा तो खानी ही पड़ेगी साथ ही वह भविष्य में शराब की दुकानों पर दोबारा काम भी नहीं कर सकेगा, इसके लिए आबकारी विभाग के पोर्टल पर ब्लैक लिस्ट की कार्रवाई की जा रही है।

जीएसटी डिपार्टमेंट के बाद उत्तर प्रदेश का आबकारी विभाग ऐसा विभाग है, जो कि प्रदेश सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व देता है। ऐसे में एक तरफ से देखा जाए तो आबकारी विभाग एक कमाऊ पूत की तरह है, जो कि सरकार की झोली भरता है। आबकारी विभाग की ओर से निरीक्षण में पहली बार ओवर रेटिंग पकड़े जाने पर 75 हजार का जुर्माना और संबंधित व्यक्ति को जेल का प्रावधान है। जुर्माने को हर हाल में व्यापारी को भुगतना ही होगा। इसके बाद भी अगर वही शराब विक्रेता दोबारा ओवर रेटिंग में पकड़ा जाता है तो उस पर 1 लाख 50 हजार जुर्माने का प्रावधान है। इसी तरह से तीसरी बार में तत्काल उसका लाइसेंस निरस्त करने का भी प्रावधान है। जिले में आबकारी विभाग की टीम ने कार्रवाई करते हुए करीब 6 माह में 20 सेल्समैनों को जेल भेजते हुए 15 लाख रुपए का जुर्माना वसूला है। साथ ही सेल्समैनों को आबकारी विभाग के पोर्टल पर ब्लैक लिस्ट की कार्रवाई भी की गई है। यह सब विक्रेता 5 से 10 रुपए शराब पर अतिरिक्त की डिमांड कर रहे थे। आबकारी विभाग की इस कार्रवाई से जिले में काफी हद तक ओवर रेटिंग की शिकायतों पर अंकुश लगा है। यह संभव जिला आबकारी अधिकारी की नीति से संभव हुआ है। दरअसल जिले में अवैध शराब के कारोबार पर रोक लगाने और ओवर रेटिंग की शिकायतों पर पूर्ण रूप से अंकुश लगाने के लिए आबकारी विभाग ने जिले में अपना कंट्रोल रूम स्थापित किया है। कंट्रोल रूम पर मिलने वाली शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई की जा रही है। जिस क्षेत्र की शिकायत मिलती है, तत्काल संबंधित इंस्पेक्टरों को शिकायत ट्रांसफर कर दी जाती है।

शिकायत मिलने के उपरांत संबंधित इंस्पेक्टर को कार्रवाई कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होती है। जिस तरह से शासन स्तर पर आबकारी विभाग के टोल फ्री नंबर पर कार्रवाई की जा रही है। उसी स्तर पर जिले में भी कार्रवाई की जा रही हैं। अवैध शराब की बिक्री, निर्माण व परिवहन पर रोक लगाने के लिए आबकारी विभाग की टीम लगातार चेकिंग एवं दबिश की कार्रवाई कर रही है। साथ ही समय-समय पर बिना लाइसेंस शराब परोसने एवं ओवर रेटिंग करने वालों को नियमों का पाठ पढ़ा रहा है। आबकारी विभाग ग्राहकों की शिकायत पर कार्रवाई तो कर ही रहा है, साथ ही मुखबिर तंत्र की शिकायत पर भी शराब पर ओवर रेटिंग करने वाले विक्रेताओं को जेल भेजने की कार्रवाई जारी है। जिले की शराब की दुकानों पर तीन शिफ्टों में आबकारी विभाग की टीम के अलावा उनके मुखबिर तंत्र भी दुकानों पर गुप्त टेस्ट परचेजिंग कर रहे है। जिससे हर हाल में ओवर रेटिंग की शिकायतों पर रोक लगाई जा सकें।

जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया कि अवैध शराब के कारोबार पर रोक लगाने के साथ-साथ लाइसेंसी शराब की दुकानों पर भी औचक निरीक्षण किया जा रहा है। साथ ही दुकानों पर गुप्त टेस्ट परचेजिंग भी कराई जा रही है। उन्होंने बताया अप्रैल माह से सितंबर माह तक शराब की दुकानों पर ओवर रेटिंग करने वाले 20 विक्रेताओं को अब तक जेल भेजा चुका है। विक्रेताओं को जेल भेजने के साथ ही आबकारी विभाग के पोर्टल पर ब्लैक लिस्ट की कार्रवाई की गई है। जिससे उक्त विक्रेता भविष्य में उत्तर प्रदेश की लाइसेंसी शराब की दुकानों पर विक्रेता का काम न कर सकें। इसके अलावा लाइसेंसियों से भी 15 लाख रुपए का जुर्माना वसूला गया है। सभी विक्रेताओं को चेतावनी दी गई कि नियमानुसार शराब की बिक्री करें और दुकानों पर डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए ज्यादा से ज्यादा ऑन लाइन पेमेंट लें। ग्राहकों से ओवर रेटिंग और अभद्रता का व्यवहार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। साथ ही लाइसेंसियों को भी निर्देश दिए गए है कि वह दुकानों पर खुद भी नजर रखें। आबकारी विभाग से लाइसेंस लेने से काम नहीं चलेगा। अगर दुकान पर ओवर रेटिंग की शिकायत मिलती है तो संबंधित लाइसेंसी के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।

ओवर रेटिंग करने वाले विक्रेताओं की कमर तोड़ रहा कंट्रोल रुम
जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया कि अवैध शराब के कारोबार पर रोक लगाने के साथ-साथ ओवर रेटिंग की शिकायतों के निस्तारण के लिए जिला आबकारी कार्यालय में कंट्रोल रूम बनाया गया है। कार्यालय में बनाए गए कंट्रोल रूम का मोबाइल नंबर एवं व्हाट्सएप नंबर 7065011003 शराब की दुकानों पर लिखवाया गया है। साथ ही पम्पलेट के द्वारा इसे दुकानों के बाहर और ग्रामीण व शहर क्षेत्र में भी चस्पा किए गये है। कंट्रोल रुम के स्थापित होने पर काफी हद तक ओवर रेटिंग की शिकायत और शराब तस्करी के मामलों में कमी आई है। इन सबके अलावा आबकारी विभाग की टीमें लगातार अपने-अपने क्षेत्र में संघन चेकिंग अभियान चलाकर शराब तस्करों के संबंधित ठिकानों पर दबिश दे रही है। शराब की दुकानों पर भी गुप्त टेस्ट परचेजिंग कराया जा रहा है। उन्होंने बताया इस नंबर पर फोन कर जनपद गाजियाबाद के आबकारी विभाग से संबंधित किसी भी शिकायत/अवैध मदिरा की तस्करी, परिवहन व ओवर रेटिंग से संबंधित सूचना दे सकते हैं। यह नम्बर 24*7 क्रियाशील रहेगा। उक्त मोबाइल नंबर पर दी गयी सूचना पर त्वरित कार्यवाही की जायेगी और सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा। जिसके लिए एक टीम 24*7 कार्यालय पर मौजूद रहेगी। शिकायतकर्ता की शिकायत पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी और झूठी शिकायत देने वालों को भी सबक सिखाया जाएगा।