गाजियााबद। शराब के शौकीनों का शौक भी निराला है। जिले में रहने वाले लोगों के पास पैसों की कमी नहीं है। अब लोग दिल्ली जाने की जगह यहीं से शराब खरीद रहे हैं। शराब का सेवन करने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। जिले में अंग्रेजी से ज्यादा देसी शराब पी जा रही है। मगर सबसे ज्यादा बीयर की बिक्री में बढ़ोतरी हुई है। कुल मिलाकर अधिक मात्रा में लोग बीयर का सेवन कर रहे हैं। आबकारी विभाग के अधिकारियों के अनुसार जनपद में अंग्रेजी से ज्यादा देसी शराब की बिक्री हो रही हैं। मगर उससे भी ज्यादा जिले के लोग बीयर गटक रहे हैं। जनपद में अवैध शराब के माफिया के सिडिंकेट को तोड़ने के लिए आबकारी विभाग की टीम कहर बनकर टूट रही है। जिले में और बाहरी राज्यों में होने वाली शराब तस्करी को रोकने के लिए जिस तरह से आबकारी विभाग की टीम पूरी शिद्दत से जुटी हुई है। उससे माफिया के हौसले टूटते नजर आ रहे है। इन सबके बीच आबकारी विभाग सरकार के खजाने को भरने में अपना अहम रोल अदा कर रहा है।
हर साल नया लक्ष्य निर्धारित कर, नया रिकॉर्ड बनाने में आबकारी विभाग की टीम की वाहवाही प्रदेश के अन्य जिलों में हो रही है। पिछले साल की अपेक्षा इस वर्ष मात्र 6 माह में 796.85 करोड़ का राजस्व प्रदेश सरकार को दिया है। जिसमें सितंबर माह में करीब 134.56 करोड़ रुपए की बिक्री हुई है। जो कि पिछले वर्ष सितंबर माह से 13.1 प्रतिशत अधिक है। राजस्व प्राप्ति के लक्ष्य को भेदने के साथ ही जनपद में आबकारी विभाग ने शराब माफियाओं की भी कमर तोड़ने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी है। जनपद में शराब की रिकॉर्ड तोड़ बिक्री और राजस्व की प्राप्ति में आबकारी विभाग के रोल को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह के नेतृत्व में विभाग नए-नए कीर्तिमान स्थापित हो रहे है। यह सब गाजियाबाद के आबकारी निरीक्षक अखिलेश बिहारी वर्मा, त्रिवेणी प्रसाद मौर्य, हिम्मत सिंह, राकेश त्रिपाठी, अनुज वर्मा एवं अभय दीप सिंह का आपस में तालमेल और टीम वर्क की कार्रवाई से ही संभव हो पाया है।
अवैध शराब के कारोबार को खत्म करने और राजस्व की बढ़ोत्तरी को लेकर हर दुसरे दिन आबकारी अधिकारी आबकारी निरीक्षकों और अनुज्ञापियों के साथ मंत्रणा करते है। जिसमें राजस्व बढोत्तरी और शराब माफिया पर कार्रवाई को लेकर ज्यादा चर्चा होती है। जनपद गाजियाबाद में अगर पिछले दो तीन सालों के कार्यकाल को देखें तो जहां पहले एक वर्ष में मात्र करीब 800 हजार करोड़ से कम की बिक्री होती थी, वहीं अब जिले में 1500 से 1600 करोड़ की बिक्री हो रही है। जिस तरह से गाजियाबाद के आंकड़े बताए जा रहे है, इससे साफ तौर पर दिखाई दे रहा है कि अवैध शराब के कारोबार खत्म होने की कगार पर है। क्योंकि जब अवैध शराब कारोबार का खत्म होगा, तो राजस्व की बढ़ोतरी अपने आप बढ़ने लगेगी। जिस पर आबकारी विभाग की टीम ने फील्ड पर उतरकर काम किया है। इन सबके बीच आबकारी विभाग समय-समय पर लोगों के बीच जाकर जागरुकता अभियान भी चलाता है। जिससे अवैध शराब से होने वाली हानि से लोगों को जागरूक किया जा सकें।
एक माह में 134.56 करोड़ रुपए की हुई कमाई
सितंबर 2023 में देशी शराब 17 लाख 35 हजार 723 लीटर, अंग्रेजी 10 लाख 70 हजार 263 बोतल, बीयर
32 लाख 58 हजार 431 केन की बिक्री हुई है। पिछले वर्ष सितंबर 2022 में देशी 16 लाख 42 हजार 369 लीटर, अग्रेजी 9 लाख 79 हजार 740 बोतल, बीयर 30 लाख 41 हजार 205 केन की बिक्री हुई थी। आबकारी विभाग ने सितंबर 2023 में 134.56 करोड़ रुपए की शराब बिक्री की है। पिछले वर्ष सितंबर माह में आबकारी विभाग ने 119.34 करोड़ रुपए का राजस्व वसूला था। आबकारी विभाग शराब माफियाओं पर कार्रवाई करने के साथ-साथ राजस्व वसूली में भी पिछले वर्ष सितंबर माह का रिकॉर्ड तोड़ते हुए नया रिकॉर्ड बनाया है। सरकार की मंशा के अनुरूप शराब के परिवहन एवं निर्माण पर अंकुश लगाने के लिए आबकारी विभाग प्रतिदिन अपने कर्तव्य को अंजाम दे रहा है। गाजियाबाद में पिछले वर्ष सितंबर माह की अपेक्षा इस वर्ष सितंबर माह में शराब की अधिक खपत हुई है। इसका सीधा फायदा राज्य सरकार के राजस्व को हुआ है। आंकड़ों के मुताबिक, सबसे अधिक राजस्व देशी शराब से मिला है। जो कि इस वर्ष सितंबर माह में 13 प्रतिशत अधिक है। जिले में बीयर, अंग्रेजी व देसी शराब एवं मॉडल शॉप की कुल 513 दुकानें हैं।
6 माह में 796.85 करोड़ रुपए राजस्व की प्राप्ति
यूपी सरकार ने इस वर्ष गाजियाबाद से करीब 2200 करोड़ रुपये का आबकारी राजस्व वसूली का लक्ष्य निर्धारित किया है। जिसमें आबकारी विभाग ने वर्ष 2023-24 में अप्रैल से सितंबर माह तक 796.85 करोड़ रुपए राजस्व हासिल किया है। वर्ष 2022-23 में अप्रैल से सितंबर माह तक 659.52 करोड़ रुपए का लक्ष्य हासिल किया था। वर्ष 2022-23 में आबकारी विभाग को करीब 1900 करोड़ का लक्ष्य निर्धारित किया था। इस वर्ष पिछले वर्ष की अपेक्षा 300 करोड़ रुपए अधिक लक्ष्य निर्धारित किया है। शराब बिक्री के अलावा जिले में संचालित रेस्टोरेंट, बार, होटल, ऑकेजनल लाइसेंस फीस को जोड़ा जाए तो आबकारी विभाग अपने लक्ष्य को पूरा करने में बिल्कुल भी पीछे नहीं हट रहा है।
अवैध शराब के कारोबार में 11 पहुंचे जेल
जिले में अवैध शराब का कारोबार और बाहरी राज्यों की शराब तस्करी करने के मामले में आबकारी विभाग ने सितंबर माह में करीब 11 लोगों को सलाखों के पीछे भेजा है। जिनके कब्जे से 2219 लीटर अवैध शराब को भी बरामद किया है।
जिला आबकारी अधिकारी का कहना है कि जिले में अवैध शराब का कारोबार करने वालों के खिलाफ विभाग सख्ती से पेश आ रहा है। सितंबर में आबकारी विभाग की कार्रवाई में 2219 लीटर अवैध शराब को जब्त किया है। जिसमें 78 मुकदमे दर्ज किए गए है और अवैध शराब में प्रयोग होने वाली एक गाड़ी को भी सीज किया गया। जिसमें 11 शराब तस्करों को जेल भेजा गया है।
जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया जनपद में अवैध शराब की बिक्री एवं परिवहन पर पूर्ण रूप से रोक लगाने के लिए आबकारी विभाग की टीमें लगातार कार्रवाई कर रही है। साथ ही शासन से निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने के लिए भी हर संभव प्रयास किए जा रहे है। राजस्व में वृद्धि करना विभाग की प्राथमिकता में पहले से ही शुमार है। जनपद में जहां भी शराब तस्करों के ठिकाने थे, उन्हें पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है। आगे भी जनपद में शराब तस्करी पर लगाम लगाने के लिए कार्रवाई जारी रहेगी। अवैध शराब की बिक्री पर सख्ती बरती जा रही है। साथ ही अनुज्ञापियों को भी नियमानुसार बिक्री करने करने के लिए बैठक कर निर्देश दिए जाते है। जनपद में कोई भी अवैध शराब बिक्री/तस्करी करता पाया जाएगा उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा लाइसेंसशुदा विक्रेताओं को भी सख्त हिदायत दी गई है। जिससे वह ओवर रेटिंग न कर सकें।