लॉकडाउन के बाद जनता पर लगातार पड़ रही महंगाई की मार
मोबाइल दुकानदारों द्वारा ग्राहकों से वसूली जा रही मनमानी कीमतें
दीपक वर्मा@ शामली। देशभर में चायना का बहिष्कार चल रहा है। सोशल मीडिया पर केंद्र सरकार से लगातार चाइना से आने वाले सभी प्रकार के सामान पर प्रतिबंध की मांग की जा रही है, लेकिन अब इस बात से भी इंकार नही किया जा सकता कि बाजार में अब चाइना प्रोडक्ट 10 से 30 प्रतिशत महंगे हो गए हैं। लॉकडाउन में किरयाना की दुकानों के बाद अब सबसे अधिक महंगाई मोबाइल और उसकी ऐसेसिरीज पर देखी जा रही है। यहीं नही कुछ अन्य ऐसे भी प्रोडक्ट हैं, जो एमआरपी से भी महंगे हो गए हैं।
डिस्पले पर बढ़ गए एक साथ हजार रुपये
मोबाइल का डिस्पले अगर चाइनीज लगवाना है, तो दुकानों पर इसकी कीमत 800 से 2200 रूपए तक चुकानी पड़ती है। इसके अलावा सैमसंग, वीवी, ओप्पो, रियल मि, शॉयमी, लेनेवो, असुस, एमआई जैसी कंपनी के डिस्पले भी चाइनीज माल में 1000 से 2500 रूपए के बीच मिल जाते हैं, लेकिन फिलहाल यहीं डिस्पले 1500 से 2000 रूपए अधिक की कीमतों पर बिक रहे हैं। दुकानदार मनमाने दाम ग्राहकों से वसूल रहे हैं, पूछने पर माल नही आने और ट्रांसपोर्ट बंद होने की बात बताई जाती है।
एमआरपी से ज्यादा कीमत की वसूली
लॉकडाउन से पहले मोबाइल आॅनलाइन के बजाय दुकान से खरीदने पर 400 से 800 रूपए तक सस्ता मिल जाता था, लेकिन वर्तमान में मोबाइल एमआरपी से 2000 रूपए तक महंगे दामों में बिक रहे हैं। कुछ ऐसे भी मोबाइल सेट हैं, जिनकी डिमांड अधिक रहती है। वह भी एमआरपी से 500-1000 रूपए अधिक बिक रहे हैं। दुकानदार बताते हैं कि नए मोबाइल की बिक्री से अधिक कमाई पुराने मोबाइल एक्सचेंज करने पर होती थी, लेकिन पिछले कुछ समय से पुराने मोबाइल भी महंगे कट रहे हैं।
ग्राहकों की जेब पर सीधा असर
चायनीज प्रोडक्ट की महंगाई का असर सीधा ग्राहकों की जेब पर पड़ रहा है। दुकानदार तो अपना मार्जिन निकालकर सामान बेच रहे हैं, लेकिन ग्राहकों को पहले की तुलना में 200 से दो हजार रूपए अधिक देने पड़ रहे हैं। मोबाइल दुकानदार ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि देश का हर नागरिक चाहता है कि चायनीज प्रोडक्ट की बिक्री बाजारों में न हो, लेकिन भारतीय कंपनियां इतने सस्ते प्रोडक्ट नही बनाती, जिससे बाजारों से आसानी से चायना का माल हटाया जा सके।