IN8@जीबी नगर (ग्रेटर नॉएडा)रबूपुरा कोतवाली क्षेत्र के तिरथली गांव की रहने वाली जुहा राशिद ने पेरो से लिखा इतिहास बड़ी कामयाबी की हासिल। छुआ आसमान यूपी बोर्ड की 10वीं की परीक्षा में 82% अंक प्राप्त कर अपने परिवार और क्षेत्र का नाम किया रोशन ।
जुहा रासिद तिरथली गांव की रहने वाली है और रबूपुरा स्थित शांति देवी कन्या विद्यालय में पढ़ती है। और उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से परीक्षा में शानदार प्रदर्शन किया। परिवार वालों का कहना है कि जुहा को व्हीलचेयर से स्कूल तक पहुंचाने है।जुहा राशिद ने बिना हाथों के बड़ा इतिहास लिखा है अपने पैरों से अपनी तकदीर लिखी है जुहा राशिद ने बिना हाथों के आसमान को छुआ है उन्होंने दसवीं की परीक्षा में 82 प्रतिशत अंक प्राप्त किए है वह शत प्रतिशत दिव्यांग है।
और सबसे बड़ी खासियत ये है कि वह अपने सभी काम खुद करती है और वह बच्चों को ट्यूशन तक पढ़ाती है जुहा राशिद की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है जिसे पढ़ना लिखना बहुत पसंद है वह पैरों से पेन पकड़कर लिखती है हालांकि बोर्ड परीक्षा में उन्होंने राइटर की मदद से पेपर दिया। जुहा राशिद का कहना है कि वह मोटिवेशनल स्पीकर बनना चाहती है।
वह चाहती है कि हमेशा वह खुद पर निर्भर रहे। जुहा राशिद जिसने अपनी जिंदगी में बहुत संघर्ष किया है कई बार स्कूल में बच्चों द्वारा उसकी शारीरिक समस्या का मजाक उड़ाया गया लेकिन उसने हार नहीं मानी उसके माता-पिता भाई ने हौसला बढ़ाया।
वह अपने आगे की पढ़ाई की तैयारी शुरू करती है कहते हैं इंसान हौसले के भी दम पर सब कुछ हासिल कर सकता है इस बात को साबित कर दिखाया है जुहा राशिद जिन्होंने शत प्रतिशत दिव्यांग होने के बावजूद एक आसमान को छुआ है जुहा के हाथ नहीं है घुटना में भी नहीं है एक पैर में तीन उंगलियां हैं इन्हीं हेतु उंगलियों की मदद से वह लिखती है।
उसके पिता नी राशिद बताते हैं कि जुहा को व्हीलचेयर के जरिए वह स्कूल पहुंचाते हैं वह पढ़ाई के साथ-साथ मैंने डिजिटल तकनीक में बहुत तेज है और उसके से पास मोबाइल भी है वह यूट्यूब जन चैनल के जरिए अपनी दैनिक गतिविधि और प्रेरणा वाले विचार रखती है इस चैनल के ढाई लाख सब्सक्राइबर हैं जुहा कहती है कि ईश्वर कुछ लेता है तो बहुत कुछ देता भी है।
उसका कहना है कि शारीरिक स्थिति व्यक्ति के इरादों
और उसके लक्ष्य में बाधा नहीं बन सकती।