New delhi : वर्तमान समय में निःसंतानता एक बड़ी समस्या बन चुकी है। निःसंतानता की समस्या विश्व स्तर पर फैल चुकी है । विश्वभर में लगभग 10 प्रतिशत पुरुष एवं महिला बांझपन की समस्या से ग्रसित है। और करीब 40 प्रतिशत महिलाओं को ट्यूबल ब्लॉकेज की समस्या है, जोकि एक बहुत बड़ा आंकड़ा है।
ट्यूबल ब्लॉकेज को इनफर्टिलिटी का सबसे बड़ा कारण है। जिसकी वजह से ओवरी में एग यात्रा नही कर पाता है और पुरुष शुक्राणु से मिलाप न हो पाने के कारण निषेचन की प्रक्रिया पूर्ण नही हो पाती है। इसलिए ट्यूबल ब्लॉकेज का इलाज करवाना बहुत ही अनिवार्य हो जाता है।
एलोपैथी में कोई ऐसी दवा नही है जोकि ट्यूबल ब्लॉकेज का इलाज कर सके। इसलिए वह लैप्रोस्कोपी या फिर आइवीएफ की ही सलाह देते है। जिसकी सफलता दर 10 से 30 प्रतिशत ही है और बहुत महंगे भी है। जिसकी वजह से मरीज को आर्थिक और शारीरिक नुकसान उठाने पड़ते है।
आशा आयुर्वेदा में ट्यूबल ब्लॉकेज की समस्या के उपचार के लिए कई अध्ययन एवं शोध किये गये है। इन आयुर्वेदिक अध्ययन एवं पंचकर्म शोध के बाद आशा आयुर्वेदा ने उत्तर बस्ती, वमन, विरेचन , बस्ती और आयुर्वेदिक हर्बल औषधियों का ऐसा समन्वय तैयार किया है जिससे कि 90 प्रतिशत मरीजों के बंद नले खुल जाते है।
अब आशा आयुर्वेदा में डॉ चंचळ शर्मा की टीम में एक ऐसी आयुर्वेदिक युक्ति इजाद की है जिसमें ट्यूबल ब्लॉकेज की आयुर्वेदिक उपचार पूरी तरह से संभव हो गया है। आशा आयुर्वेदा की निःसंतानता विशेषज्ञ डॉ चंचल शर्मा एवं उनकी पंचकर्मा टीम के सहयोग से आयुर्वेदिक उचार एवं पंचकर्म पद्धति के शोध से उत्तर बस्ती (उपकर्म) के द्वारा ट्यूबल ब्लॉकेज का इलाज पूरी सफलता के साथ किया जाता है।
आयुर्वेदा एवं केरला पद्धति के पंचकर्म सिद्धांत से महिलाओं में होने वाली ट्यूबल ब्लॉकेज की समस्या को अब आयुर्वेदिक उपचार से जड़ से समाप्त कर दिया जायेगा। ट्यूबल ब्लॉकेज की समस्या महिलाओं में इनफर्टिलिटी का मुख्य कारण मानी जाती है इसके कारण महिला गर्भधारण करने में असमर्थ हो जाती है। इसलिए अब परेशानी की कोई बात नही है आशा आयुर्वेदा में इसका इलाज पूरी सफलता के साथ किया जाता है और इसमें कोई साइड इफैक्ट भी नही है।
पंचकर्म पद्धति एवं आयुर्वेदिक उपचार के मिश्रण ने एक ऐसी आयुर्वेदिक चिकित्सा का अविष्कार हुआ है जो ट्यूबल ब्लॉकेज के उपचार के लिए एक वरदान शाबित हुई है। इस नई चिकित्सा पद्धति से न जानें कितने निःसंतान जोड़ो के चेहरे खुल उठे है और उनकी सूनी गोद भी भर गई है।
आयुर्वेदिक डिटॉक्स / पंचकर्म अनिवार्य रूप से शरीर में जमा विषाक्त पदार्थों को खत्म करने में मदद करता है और रोग मुक्त जीवन जीने के लिए शरीर के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। यह आपके शरीर को शुद्ध करने और पूरे वर्ष जीवंत महसूस करने में मदद करता है। यह प्रतिरक्षा को बढ़ाने और आंतरिक भलाई को सुधारने में मदद करता है और बदलते मौसम के दौरान परिवर्तन के लिए शरीर को तैयार करता है।
आयुर्वेद एवं पंचकर्म चिकित्सा के परिणाम बताते हैं कि उत्तराबस्ती ट्यूबल ब्लॉकेज का सुरक्षित और प्रभावकारी उपचार है। उत्तर बस्ती की प्रक्रिया के ट्यूबल ब्लॉकेज की जटिलताओं को कम कर देती है। यह कहा जा रहा है कि उत्तराबस्ती निकट भविष्य में ट्यूबल ब्लॉकेज के उपचार की सबसे अच्छी चिकित्सा साबित होगी। उत्तर बस्ती नलो को अनब्लॉक करने के लिए सबसे प्रभावी और दर्द रहित प्रक्रिया है। उत्तर बस्ती अन्य गर्भाशय संबंधी विकारों जैसे कि एंडोमेट्रियम को ठीक करता है और गर्भाशय के संक्रमण को दूर करने में मदद करता है। पंचकर्म के पांच घटकों (वमन, विरेचन, बस्ती, नास्यम, रक्तमोक्षण) का उपयोग चैनलों को साफ करके शरीर से विषाक्त पदार्थों को खत्म करने और संतुलन बहाल करने के लिए संबद्ध उपचारों के साथ संयोजन किया जाता है।