प्रमोद शर्मा @ गाजियाबाद। जनपद में अवैध शराब के निर्माण, बिक्री एवं परिवहन के खिलाफ आबकारी विभाग की मुहिम और तेज हो रही है। दिल्ली, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश की शराब को अवैध तरीके से गाजियाबाद में आने से रोकने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए ईस्टन पेरिफेरल एक्सप्रेसवे डासना, दुहाई चेक पोस्ट, दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर सघन चेकिंग के अलावा मुखबिर तंत्र को काफी सक्रिय किया गया है। इसके अलावा मुख्य मार्गों एवं संवेदनशील क्षेत्रों में छापामार कार्यवाही चल रही है। ऐसे में विभाग को सफलता मिल रही है।
जनपद गाजियाबाद हमेशा शराब तस्करों की पसंदीदा जगह रही है। यही कारण है कि आबकारी विभाग को हमेशा सतर्क रहना पड़ता है। जिले में अवैध तरीके से शराब का निर्माण होने के अलावा बाहरी राज्यों से शराब की तस्करी आम बात है। खासकर दिल्ली, हरियाणा एवं हिमाचल प्रदेश की शराब की गाजियाबाद के अलावा बाहरी राज्यों में भी खासी डिमांड रहती है। यूपी के मुकाबले इन राज्यों की शराब सस्ती होती है। बाहरी राज्यों की सस्ती शराब को चोरी-छिपे बेचकर तस्कर मोटा मुनाफा कमाने की फिराक में रहते हैं। शराब तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए आबकारी विभाग पूरी ताकत के साथ अभियान चला रहा है। ईस्टन पेरिफेरल एक्सप्रेसवे डासना, दुहाई चेक पोस्ट, ज्ञानी बॉर्डर, महाराजपुर बॉर्डर, यूपी गेट, लोनी बॉर्डर व वजीराबाद बॉर्डर के अलावा दिल्ली से गाजियाबाद में प्रवेश के विभिन्न मार्गों पर निगरानी रखी जा रही है। इसके लिए आबकारी विभाग की कई टीमें दिन-रात सक्रिय रहती हैं।
ईस्टन पेरिफेरल एक्सप्रेसवे डासना व दुहाई चेक पोस्ट पर आबकारी निरीक्षकों की टीम तीन शिफ्ट में लगातार वाहनों की चेकिंग करती है। ईस्टन पेरिफेरल एक्सप्रेसवे डासना, दुहाई चेक पोस्ट पर पकड़े जाने वाले ज्यादातर वाहन बाहरी राज्यों में शराब तस्करी करते है। खोड़ा कॉलोनी के रास्ते भी शराब तस्कर गाजियाबाद में प्रवेश करने की जुगत में रहते हैं। जिन्हें रोकने के लिए प्रभावी रणनीति पर काम हो रहा है।
यदि शराब तस्कर गाजियाबाद सीमा में प्रवेश भी कर जाते हैं तो मुख्य मार्गों पर सघन चेकिंग के दौरान उन्हें रंगे-हाथों दबोच लिया जाता है। इसके लिए मालवाहक एवं यात्री वाहनों की चेकिंग नियमित रूप से की जा रही है। जिला आबकारी अधिकारी के नेतृत्व में आबकारी निरीक्षक अखिलेश बिहारी वर्मा, आशीष पांडेय, राकेश कुमार त्रिपाठी, त्रिवेणी प्रसाद मौर्या, त्रिभुवन सिंह हयंकी की टीमों द्वारा निरंतर चेकिंग की जा रही है। खोड़ा कॉलोनी, कौशाम्बी, ट्रांसपोर्ट नगर चेक पोस्ट, डासना चुंगी इत्यादि स्थानों पर आबकारी विभाग की टीमें हमेशा मुस्तैद रहती हैं। मुखबिर के जरिए सूचना मिलने पर तत्काल कार्रवाई की जाती है। आबकारी विभाग ने पिछले कुछ माह में शराब तस्करों की ताबड़-तोड़ गिरफ्तारी कर अपनी मंशा को साफ कर दिया है। सैकड़ों की संख्या में तस्करों को जेल भेजा जा चुका है।
जबकि उनके कब्जे से लाखों रुपए की अवैश शराब बरामद की गई है। आबकारी विभाग का यह अभियान शराब तस्करों पर भारी पड़ रहा है। सख्ती बढऩे के कारण शराब तस्कर भी पांव पीछे खींचते दिखाई दे रहे हैं। दरअसल शराब तस्करों पर शिकंजा कसने के लिए जिला आबकारी अधिकारी द्वारा नई-नई रणनीति बनाकर काम कराया जाता है। फलस्वरूप तस्करों को गाजियाबाद में पांव जमाने का मौका नहीं मिल रहा है। तस्करों को पुराने ठिकाने बदलने पड़ रहे हैं। नए ठिकानों पर भी वह खुद को जब तक सुरक्षित महसूस करते हैं तब तक विभाग की तरफ से कार्यवाही कर दी जाती है।
जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह का कहना है कि जनपद गाजियाबाद को शराब तस्करों के कब्जे से मुक्त रखने की मुहिम निरंतर चलाई जा रही है। इसमें कामयाबी भी मिल रही है। सभी आबकारी निरीक्षक गंभीरता के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। आबकारी निरीक्षकों को समय-समय पर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जाते हैं ताकि शराब तस्करों की बदली रणनीति को नाकाम किया जा सके। उन्होंने कहा कि यह कार्यवाही आगे भी जारी रहेगी।