दिवाली से पहले देहात क्षेत्र में महुआ अवैध शराब के कारोबार पर चला आबकारी विभाग का डंडा

लखनऊ। दिवाली का त्योहार जैसेे-जैसे नजदीक आ रही है, देहात क्षेत्र में शराब की तस्करी के लिए माफिया ने भी अपना जाल बिछाना शुरू कर दिया है। चुनाव को भले ही अभी 13 दिन शेष हो, मगर महुआ अवैध शराब के धंधे में शामिल कारोबारी अभी से कच्ची शराब तैयार कर स्टॉक करने की जुगत में लग गए है। दिवाली को लेकर गांवों व जंगलों में शराब की भट्टियां एक बार फिर से धधकती शुरू हो गई। दिवाली में बढ़ती खपत को पूरा करने के लिए अवैध शराब के धंधे में शामिल कारोबारी अपने धंधे को जमाने शुरु कर दिया है। जिससे कम खर्च पर मोटी कमाई कर सकें। लेकिन आबकारी विभाग की सख्ती के चलते चुनाव में शराब बांटने की मंशा इस बार अधूरी नजर आ रही है। क्योंकि अवैध शराब के निर्माण, परिवहन एवं बिक्री पर रोक लगाने के लिए आबकारी विभाग की टीमें लगातार छापेमारी एवं दबिश की कार्रवाई को बखूबी अंजाम दे रही है। दीवाली के नजदीक आते शराब की खपत दोनों बढ़ जाती है। यह हाल किसी एक जनपद का नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश का है। इस दौरान शराब माफियाओं के भी हौसले बुलंद हो जाते हैं। वह शराब के नाम पर मेथाइल अल्कोहल परोसने लगते हैं। जो इतना जहरीला होता है कि उसके पीने से किसी की मौत भी हो सकती है।

जिले के आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में अभी से शराब की भट्टियां धधकने लगीं हैं। दीवाली के नजदीक आते ही राजधानी में दिन ब दिन शराब के शौकीनों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। देशी, विदेशी ब्रांड की महंगी शराब के साथ ही यहां देशी पउवा पीने वाले भी बढ़े हैं। वहीं आबकारी विभाग ने भी दीवाली को देखते हुए ब्रांडेंड शराब के नाम पर मिलावटी शराब बेचने और बनाने वालों की धरपकड़ के लिए अभियान तेज कर दिया है। जिसके लिए आबकारी विभाग की टीमें लगातार अभियान चलाकर कार्रवाई कर रही है। आबकारी विभाग की कार्रवाई से अवैध शराब के धंधे में शामिल कारोबार का धंधा जमने से पहले उजड़ जा रहा है। इसी क्रम में आबकारी विभाग की टीम ने एक बार फिर से अवैध शराब के धंधे पर अपना डंडा चलाते हुए कच्ची शराब और लहन बरामद किया है। जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह का कहना है कि जिले में अवैध शराब के निर्माण, बिक्री और परिवहन के खिलाफ आबकारी विभाग की टीमें लगातार कार्रवाई कर रही है। साथ ही देहात क्षेत्र में होने वाले महुआ अवैध शराब के निर्माण पर भी शिकंजा कसा जा रहा है। शुक्रवार को आबकारी निरीक्षक लक्ष्मी शंकर वाजपेयी की टीम द्वारा थाना नगराम अंतर्गत ग्राम भज्जा खेड़ा, मोती का पुरवा और कनेरी ग्राम में संदिग्ध घरों, खेतों, बगीचों, तालाबों के किनारे संदिग्ध स्थानों पर स्थानीय पुलिस के साथ दबिश और छापेमारी की गई। इस दौरान विभिन्न स्थानों से लगभग 45 लीटर अवैध कच्ची शराब और 340 किलोग्राम लहन बरामद किया गया। कच्ची शराब को जब्त करते हुए बरामद लहन को मौके पर नष्ट कर दिया गया। आबकारी अधिनियम की सुसंगत धाराओं में 2 अभियोग पंजीकृत किए गए। दिवाली को लेकर आबकारी विभाग ने शराब तस्करों से निपटने के लिए पहले ही अपनी तैयारी पूरी कर ली है। जिसके लिए हर दिन अभियान चलाकर आबकारी विभाग की टीमें लगातार छापेमारी एवं दबिश दे रही है।

महुआ अवैध शराब का निर्माण करने वाले गांव आबकारी विभाग की रडार पर

जिले के मलिहाबाद, मोहनलालगंज, काकोरी, बिजनौर, चिनहट, सरोजनी नगर के कुछ गांव परंपरागत रूप से महुआ अवैध शराब के धंधे में पूरी तरह से लिप्त है। ऐसे करीब दो दर्जन गांव चिन्हित कर लिए गए हैं। जिस पर आबकारी विभाग की पैनी नजर बनी रहेगी। ये लोग महुआ, शीरा और मेथाइल अल्कोहल के सहारे जहरीली शराब तैयार करते हैं। इसकी बिक्री दीवाली पर्व के नजदीक आते ही शुरू कर दी जाती है। जिस पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए आबकारी विभाग अपनी कार्रवाई के साथ लोगों के बीच जाकर जागरूकता अभियान के तहत लोगों को जागरूक कर रहा है। साथ ही लोगों से कार्रवाई में सहयोग की अपील भी कर रहा है। होली, दीवाली जैसे त्योहारों में शराब की खपत और मांग दोनों ही बढ़ जाती है। साथ ही जहरीली शराब का भी कारोबार बढ़ जाता है। मगर इस बार शराब तस्करों को उनके इरादों में कामयाब नहीं होने दिया जाएगा।

जिले के ढाबों पर रहेगी पैनी नजर
जिला आबकारी अधिकारी ने बताया जिले के शक है कि शराब माफियाओं ने दो नंबर का अल्कोहल खरीदने के लिए राष्ट्रीय राजमार्गों के ढाबों का उपयोग कर सकते हैं। विभागीय अधिकारियों ने तय किया है कि वह राष्ट्रीय राजमार्गों के ढाबों पर कड़ी निगरानी रखेंगे, ताकि अवैध तरीके से अल्कोहल की होने वाली खरीद फरोख्त पर रोक लगाई जा सके। इसके लिए हाइवे किनारे ढाबों की भी विशेष निगरानी की जा रही है। साथ ही लगातार छापेमारी भी की जा रही है। जिले में अवैध शराब का कारोबार बिल्कुल भी करने नहीं दिया जाएगा। शराब तस्करों के खिलाफ पूर्व में तैयार की गई रणनीति के परिणाम काफी सार्थक साबित हुए है। उसी रणनीति के तहत शराब तस्करों पर कार्रवाई की जा रही है।