विनोद पांडेय@ गाजियाबाद। विद्युत वितरण व्यवस्था को निजी हाथों में सौंपने का विरोध तेज हो गया है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति और विद्युत मजदूर संगठन ने मंगलवार को मुख्य अभियंता कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया। बाद में ज्ञापन सौंपा गया।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि विभाग अपने कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं दे पा रहा है। जबकि विभाग को निजी हाथों में सौंपा जा रहा है। निजीकरण के खिलाफ कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी की। संगठन के महामंत्री ओमपाल सिंह चौहान ने बताया कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के अंतर्गत वाराणसी शहर की विद्युत वितरण व्यवस्था निजी हाथों में दी जा रही है।
संगठन इसका विरोध कर रहा है। भविष्य में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 3 बड़े शहरों की विद्युत आपूर्ति भी निजी हाथों में सौंपी जाएगी। विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों एवं शासन की मनमानी के कारण ऐसा हो रहा है। प्रदर्शनकारियों ने मुख्य अभियंता आर.के. राणा को 15 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा।
ज्ञापन में निजीकरण के विरोध के अलावा संविदा कर्मचारियों को समय से वेतन देने, पुराने कर्मचारियों को समय से प्रोन्नति, विभागीय परियोजनाओं को समय से पूरा करने आदि मांग की गई। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति संयोजक अवधेश कुमार ने बताया उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजी करण के प्रस्ताव से बिजली कर्मियों में काफी आक्रोश है।
निजीकरण का प्रयोग आगरा और ग्रेटर नोएडा में पहले ही बुरी तरह से विफल हो चुका है। इसके अलावा निजीकरण का प्रयोग उडीसा, दिल्ली, औरंगाबाद, नागपुर, जलगांव, उज्जैन, ग्वालियर, सागर, भगलपुर, गया, मुज्जफ्फरनगर समेत कई प्रदेशों में भी विफल रहा है। इसके बाद भी सरकार वित्तीय मदद देने के नाम पर जबरन थोपा जा रहा है।
इस मौके पर जितेंद्र सिंह राणा, साबिर अली, फईम उलवारी, शमशाद अली, संजीव कुमार, बृजगोपाल, आनंदपाल सिंह, शिवकुमार, मोहन कुमार, गोविंद ओझा, राकेश कुमार, गुर्जर प्रवीन बैंसला ,प्रांतीय महामंत्री आशीष कुमार, अवधेश कुमार, अनिल चौरसिया, हिर्देश गोस्वामी, आलोक त्रिपाठी, भुवनेश, योगेन्द्र लाखा, रामनारायण, पंकज भारद्वाज, जय भगवान, गौरव, दिल नवाज, उमाकांत शर्मा, दीपक गुप्ता, अरशद अली, रजनीश, शेर सिंह त्यागी,धीरज आदि लोग उपस्थित रहे।