नीति आयोग के सदस्य ने कोरोना पर की चर्चा

-महत्वपूर्ण बैठक में गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर मेरठ और बागपत के जिलाधिकारी ने भाग लिया
-जनता के सहयोग से कार्य करने पर जोर

प्रमोद शर्मा@ गाजियाबाद। जीडीए सभागार में मंगलवार को नीति आयोग भारत सरकार के सदस्य डॉ. विनोद कुमार पॉल की अध्यक्षता में महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस दौरान कोविड-19 (कोरोना वायरस) को लेकर विचार-विमर्श किया गया। बैठक में अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अमित मोहन प्रसाद ने कोविड-19 महामारी के संबंध में जारी कार्रवाई एवं व्यवस्थाओं की बावत विस्तार पूर्वक जानकारी उपलब्ध कराई।

उन्होंने बताया कि उप्र सरकार द्वारा गत 2 से 12 जुलाई तक सूबे में सर्विलांस के लिए विशेष अभियान संचालित किया गया, जिसमें कोरोना संक्रमित संभावित व्यक्तियों की खोज एवं अन्य बीमारियों के संबंध में डाटा प्राप्त किया गया। उन्होंने बताया कि कोरोना लक्षण के जो संभावित व्यक्ति मिले, उनकी तत्काल जांच कराने के उपरांत पॉजिटिव पाए जाने वाले मरीजों को आइसोलेट कर तत्काल इलाज संभव कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में वर्तमान तक 11 लाख कोरोना टेस्टिंग कराई गई हैं, जो अन्य प्रदेशों से बहुत अधिक है। जन सामान्य को जागरूक करने के उद्देश्य से पूरे प्रदेश में लगातार कार्यक्रम किए जा रहे हैं।

अपर मुख्य सचिव ने नीति आयोग के सदस्य से 5 लाख एंटीजन किट भारत सरकार के माध्यम से एनसीआर के जनपदों को उपलब्ध कराने का अनुरोध किया ताकि दिल्ली के पास के एनसीआर जिलों में और अधिक तेजी के साथ कोरोना टेस्टिंग का कार्य आगे बढ़ाया जा सके। बैठक में नीति आयोग के सदस्य डॉ. विनोद पॉल ने उत्तर प्रदेश में कोविड-19 महामारी को लेकर जारी प्रयासों की सराहना की। मेरठ मंडल की कमिश्नर अनिता सी मेश्राम ने कोविड-19 को लेकर गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, मेरठ एवं बागपत में की जा रही कार्रवाई के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारी उपलब्ध कराई। उन्होंने बताया कि सभी जनपदों में संक्रमण की ट्रांसमिशन की चैन को तोड?े के लिए लगातार विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि चारों जनपदों में 175358 कोरोना टेस्टिंग की गई हंै। वहीं विगत 26 जून से 12 जुलाई तक इस कार्य में तेजी लाकर 11618 कोरोना टेस्टिंग की गई। 2 जुलाई से 12 जुलाई तक विशेष सर्विलांस अभियान के अंतर्गत 32 लाख 78 हजार 871 सर्वे का कार्य सुनिश्चित किया गया।

जिसके तहत चारों जनपदों में 14333 कोरोना संदिग्ध व्यक्तियों की खोज की गई। जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने बताया कि जनपद में अत्यंत गंभीर मरीजों के लिए दिल्ली जैसी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं और यहां के मरीज दिल्ली में जाने पर वहां के चिकित्सालयों में उनका इलाज नहीं किया जा रहा है। नीति आयोग के सदस्य ने इस बिंदु पर बेहद गंभीरता के साथ विचार किया गया और भारत सरकार के माध्यम से कार्रवाई करने के लिए आश्वस्त भी किया। नीति आयोग के सदस्य ने कहा कि कोरोना महामारी से जन-सामान्य को सुरक्षित करने के उद्देश्य से जनता के सहयोग से इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जाए। बैठक में जिलाधिकारी गौतमबुद्ध नगर सुहास एल वाई, जिलाधिकारी मेरठ अनिल ढींगरा एवं बागपत जिलाधिकारी शकुंतला गौतम भी मौजूद रहीं।