मदर्स डे पर गौतम पब्लिक सीनियर सेंकेडरी स्कूल के बच्चों की सांस्कृतिक प्रस्तुति देख भावुक हुए अभिभावक


-मां का स्थान भगवान से भी ऊपर, उनके बिना जीवन अधूरा: पूनम गौतम
-बच्चे की खुशी के लिए माँ स्वयं बन जाती है बच्चा: तनूजा

गाजियाबाद। मदर्स डे पर शनिवार को जिले भर में स्कूलों में कार्यक्रमों का आयोजन किया। जहां पर स्कूलों में पहुंची महिलाओं की प्रतियोगिता करवाई गई और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया। इस दौरान बच्चों को वीडियो दिखाया गया, जिसमें आधुनिक युग में शिक्षा का महत्व बताया गया। शिक्षा प्राप्त करने की कोई उम्र नही होती, क्योंकि मनुष्य जीवन भर कुछ न कुछ सीखता रहता हैं। माताओं को भी अपने बच्चों की इच्छाओं का विशेष ध्यान रखना चाहिए। विजय नगर स्थित गौतम पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल पी ब्लॉक प्रताप विहार में मदर्स डे बहुत ही धूमधाम से मनाया गया। मौके पर बच्चों ने ग्रीटिंग कार्ड व पेंटिग बना कर सभी को मदर्स-डे की शुभकामनाएं दी। प्रधानाचार्या पूनम गौतम ने कहा मां का कर्ज हम पर बहुत अधिक होता है। हम कई जन्म लेकर भी उसे उतारने का प्रयास करें तो भी नहीं उतार सकते। मां का स्थान भगवान से भी ऊपर होता है। उनके बिना जीवन अधूरा रहता है।

मां ही हैं जो पग-पग पर हमें संभालती हैं। उनके स्नेह व त्याग का दूसरा उदाहरण पृथ्वी पर नहीं मिल सकता। उनकी तुलना किसी से नहीं की जा सकती। ऐसे व्यक्तित्व के लिए तो एक दिन क्या पूरा जीवन भी कम है। मां वास्तव में ईश्वर का हमें दिया सबसे अद्भुत और अनमोल तोहफा है। वह बिना किसी स्वार्थ के हमें हमेशा सही राह दिखाती है मां-बच्चे का रिश्ता इतना खास होता है कि वह हमारे कुछ कहने से पहले ही हमारी जरूरतों को समझ जाती है। मां सिर्फ मां ही नहीं बल्कि हमारी गुरू और हमारी सबसे अच्छी दोस्त भी होती है। बच्चा जब बोलना सीखता है तो सबसे पहला शब्द मां ही बोलता है, दुख हो या सुख ही भावना में व्यक्ति को सबसे पहले मां की ही याद आती है। मां से बड़ा और अनमोल धन इस दुनिया में कुछ भी नहीं है। वैसे तो मां के सम्मान में हर दिन कम है। मदर्स डे इसी मां के प्रति अपना प्यार, लगाव, आभार और सम्मान दिखाने का दिन है।

उपप्रधानाचार्या तनूजा ने कहा वर्तमान समय में सभी स्कूलों में किताबी ज्ञान पर विशेष जोर दिया जाता है तथा उसी का परिणाम है कि आज बच्चों के अंक शत प्रतिशत तक भी आ जाते हैं, लेकिन इस प्रतिस्पर्धा के युग में हम कहीं न कहीं भारतीय संस्कृति एवं संस्कारों से दूर होते जा रहे हैं। स्कूलों में इस प्रकार के कार्यक्रमों के द्वारा बच्चों में अच्छे संस्कार एवं नैतिकता पूर्ण शिक्षा देने का प्रयास किया जाता है जो की नितांत आवश्यक भी है। उन्होंने कहा हमारे जीवन में मां के योगदान को कोई मूल्य नहीं है। मदर्स डे हम सभी के लिए अत्याधिक यादगार और खुशी का दिन होता है। यदि किसी के पास मां है तो उसके पास सब कुछ है, हम सबके जीवन में मां की इतनी संवेदनाएं जुड़ी होती हैं कि उनके बिना हम बिल्कुल खोखले है, मां माटी से बनी देह में भावों को गहना पहनाती है। उठने-बैठने और चलने का सलीका सिखाती है मां। इसलिए मां सबसे बेशकीमती खजाना है। छात्र-छात्राओं ने मदर्स डे पर मां के लिए कविताएं और कहानियाँ कहे और ग्रीटिंग कार्ड बनाये। कार्यक्रम को सफल बनाने में अध्यापकगण की महत्वपूर्ण भूमिका रही।