मांगों को लेकर अब सड़कों पर उतरेंगे स्कूल संचालक

  • -प्राइवेट स्कूलों के पांच संगठन 18 जनवरी को निकालेंगे विरोध मार्च, करीब 500 स्कूल संचालक होंगे शामिल
  • -दिल्ली में तुरंत स्कूल्स खोलना, ईडब्ल्यूएस का फण्ड जारी करना और नर्सरी दाखिले का नोटिफिकेशन तुरंत जारी करने की मांग


नई दिल्ली। लॉकडाउन से लेकर अब तक स्कूलबन्दी, फंड्स की कमी और स्कूल खोले जाने जैसी मांगों को लेकर दिल्ली सरकार की अनदेखी झेल रहे दिल्ली के प्राइवेट स्कूल संचालक अब सड़कों पर उतरकर अपना विरोध जाहिर करेंगे। इसके तहत प्राइवेट स्कूलों के पांच संगठन एप्सा, डिसा, निसा, पीएलपीएस और साउथ दिल्ली एसोसिएशन के नेतृत्व में करीब 500 स्कूल संचालक 18 जनवरी को दिल्ली में विरोध मार्च निकालेंगे।

स्कूल संगठनों के मुताबिक कोविड और लॉकडाउन के चलते दिल्ली में मार्च 2020 से लेकर अब तक स्कूल बंद हैं। जबकि देश के विभिन्न राज्यों में नवंबर 2020 से आंशिक रूप से स्कूल खोलने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। दिल्ली के पड़ोसी राज्यों उत्तर-प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान समेत तमाम राज्यों में स्कूल खुल गए हैं। लेकिन दिल्ली के स्कूल बंद होने के चलते स्कूल संचालकों समेत तमाम शिक्षक और स्टाफ परेशानियों का सामना कर रहे हैं। संचालकों का कहना है एक स्कूल खोलने का मतलब 100 जेल बंद करने के बराबर होता है। ऐसे में सैकड़ों स्कूल बंद होने से कितनी जेलें भरेंगी, इसका अनुमान भी नहीं लगाया जा सकता।

इसलिए स्कूल संचालक अब अपनी चार मांगों को लेकर 18 जनवरी को दिल्ली के चंदगीराम अखाड़े से लेकर मुख्यमंत्री निवास तक विरोध मार्च निकालेंगे। अफोर्डेबल प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन (एप्सा), डेवलपिंग इंडिपेंडेंट स्कूल्स अलाइंस (डिसा), नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल्स अलाइंस (निसा), प्राइवेट लैंड पब्लिक स्कूल एसोसिएशन (पीएलपीएस) और साउथ दिल्ली पब्लिक स्कूल्स मैनेजमेंट एसोसिएशन के नेतृत्व में करीब 500 स्कूल संचालक इस विरोध मार्च में शामिल होंगे और अपनी मांगों के संदर्भ में मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपेंगे।