- शामली ईंट निर्माता समिति ने विधायक को सौंपा ज्ञापन
- एनजीटी न्यायालय में प्रबल पैरवी करने की मांग
दीपक वर्मा@ शामली। शामली ईंट निर्माता समिति ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से शामली जनपद समेत अन्य जनपदों में भी ईंट भट्टों के संचालन को एनजीटी न्यायालय में पैरवी कराकर भट्टों को चलवाने की मांग की है।
जानकारी के अनुसार शामर्ली इंट निर्माता समिति ने शुक्रवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित एक ज्ञापन विधायक तेजेन्द्र निर्वाल को सौंपा। ज्ञापन मंे कहा गया है कि जनपद शामली समेत मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर, हापुड, मुजफ्फरनगर,बागपत, गौतमबुद्धनगर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र मंे शामिल हैं जिसमें 13 जिले हरियाणा प्रदेश, 2 जिले राजस्थान के भी शामिल हैं। उत्तर प्रदेश के इन जिलों में लगभग दो हजार ईंट भट्टे संचालित हैं। उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रदूषण नियंत्रण के लिए एनसीआर में ईपीसीए का गठन किया गया है जो सुचारू रूप से कार्य कर रहा है। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा इन सभी भट्टों को हाईड्राफ्ट (जिगजैग) प्रणाली में परिवर्तित करा दिया गया है जिसमें प्रत्येक भट्टा मालिक का 40 लाख से 50 लाख रुपया तक खर्च हुआ है। गत वर्ष एनजीटी द्वारा भट्टा चलाने पर रोक लगा दी गयी थी, यह सब कथित पर्यावरणविद् एवं फ्लाईऐश लाॅबी का कार्य है। एनजीटी में यह वाद विचाराधीन है जिसमें उत्तर प्रदेश प्रदूषण बोर्ड एवं केन्द्रीय प्रदूषण बोर्ड पक्षकार है। इन जिलों की भट्टा एसोसियेशन एवं संपूण्र भारत की एसोसियेशन व संबंधित प्रदेश का ईंट भट्टा संगठन अपने स्तर से प्रयास कर रहे हैं। ईंट भट्टा ग्रामीण सीजनल कुटीर उद्योग है जो लाखों की संख्या में श्रमिकों को रोजगार भी देता है। न्यायालय का सहारा लेकर इस उद्योग को समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है। ज्ञापन में मुख्यमंत्री से इस प्रकरण में हस्तक्षेप कर एनजीटी न्यायालय में प्रबल पैरवी कराकर शासन स्तर व भारत सरकार स्तर पर शासनादेश लाकर ईंट भट्टों को संचालित करने की गुहार लगायी गयी है। इस मौके पर समिति अध्यक्ष भूपेन्द्र मलिक, महामंत्री सुनील गोयल, उपाध्यक्ष कृष्ण कुमार शर्मा, कोषाध्यक्ष हरेन्द्र सिंह भी मौजूद थे।