नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने सोशल एक्टिविस्ट योगिता भयाना को एक नोटिस भेजकर राजधानी में 26 जनवरी को हुई हिंसा को लेकर ट्विटर पर उनके कथित ‘फर्जी पोस्ट’ के संबंध में पूछताछ के लिए पेश होने को कहा है। पुलिस अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। वहीं, योगिता भयाना ने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस उनकी आवाज को दबाना चाहती है और कहा कि उनका गुनाह ये है कि वह आंदोलन में किसानों का साथ दे रही हैं।
भयाना को नोटिस भेजकर उन्हें भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153 (दंगा भड़काने के मकसद से उकसावे की कार्रवाई), 153ए (समूहों के बीच रंजिश बढ़ाने) और 505 (एक) (बी) (अफवाह, ऐसे बयान प्रसारित करना जिससे कोई राज्य के खिलाफ अपराध कर सकता है या लोकशांति को खतरा हो सकता है) के तहत दर्ज मामले में पुलिस के सामने पेश होने को कहा है।
नोटिस में कहा गया है कि आपको सूचित किया जाता है कि उक्त मामले में आपके खिलाफ जांच चल रही है। जांच के दौरान पाया गया कि आपके ट्विटर अकाउंट से कथित तौर पर दो फर्जी पोस्ट किए गए। इसमें आगे कहा गया कि आपसे इसका स्रोत और पोस्ट अपलोड करने के बारे में सूचित करने का आग्रह किया जाता है। आप तारीख, समय भी बता दें जब आप पूछताछ के लिए उपलब्ध होंगी। नोटिस मिलने के दो दिन के भीतर इस बारे में सूचित करें।
योगिता भयाना ने एक ट्वीट में कहा, ”दिल्ली पुलिस ने मेरे नाम पर एफआईआर दर्ज की है। मेरा गुनाह ये है कि मैं किसान आंदोलन में किसान भाइयों का साथ दे रही हूं। दिल्ली पुलिस मेरी आवाज को दबाना चाहती है।” एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ”मुझे लगता है कि दिल्ली पुलिस सही से काम नहीं कर रही और जो करना चाहिए ठीक उसके विपरीत कर रही है। मैं किसानों के साथ हूं और मुझे पता है कि मैं सच्चाई के लिए लड़ रही हूं।”
दिल्ली पुलिस ने 30 जनवरी को कांग्रेस नेता शशि थरूर, पत्रकार राजदीप सरदेसाई, ‘कारवां पत्रिका और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इससे पहले थरूर और छह पत्रकारों पर नोएडा पुलिस ने दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा को लेकर तथा अन्य आरोपों के साथ राजद्रोह का मामला दर्ज किया था। मध्य प्रदेश पुलिस ने भी दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरन हिंसा पर भ्रामक ट्वीट करने के आरोप में थरूर एवं छह पत्रकारों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के पक्ष में 26 जनवरी को हजारों की संख्या में किसानों ने ट्रैक्टर परेड निकाली थी, लेकिन कुछ ही देर में दिल्ली की सड़कों पर अराजकता फैल गई। कई जगह प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के अवरोधकों को तोड़ दिया और पुलिस के साथ भी उनकी झड़प हुई।