लखनऊ में अवैध शराब बनाने के लिए कानपुर से आया 9 ड्रमों में स्प्रिट (इथेनॉल), आबकारी विभाग की फिल्डिंग ने बिगाड़ा माफिया का खेल

लखनऊ। जिले में आबकारी अधिकारी ने एक बार फिर से बड़ी कार्रवाई करते हुए शराब माफिया के इरादों पर समय रहते पानी फेर दिया। आबकारी विभाग की टीम ने अवैध शराब बनाने के लिए लाई गई स्प्रिट (इथेनॉल) से भरे ड्रमों को बरामद करते हुए 6 तस्करों को गिरफ्तार किया है। लखनऊ जिले की कमान संभाले भले ही आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह को करीब 6 माह हुए है। मगर चार्ज लेने के बाद से ही राजस्व में बढ़ोतरी के साथ-साथ शराब तस्करों को जेल भेज कर लखनऊ को इतने कम समय में अवैध शराब के कारोबार से मुक्त कर दिया। उनकी कार्रवाई शराब तस्करों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अवैध शराब का धंधा हो या फिर आबकारी निरीक्षकों की लापरवाही दोनों ही मामलों में बिना देरी किए कार्रवाई करने से नहीं चूकते है। दरअसल किन्हीं भी कारणों से आबकारी विभाग की छवि धूमिल हो, वह उन्हें बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं है। आबकारी अधिकारी की इस कार्रवाई से लखनऊ समेत पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा हुआ है। एक बार फिर से आबकारी अधिकारी ने अपनी रणनीति से शराब तस्करों को धूल चटा दिया।

आबकारी अधिकारी को दो दिन पूर्व सूचना मिली की कानपुर के एक माफिया के माध्यम से लखनऊ में स्प्रिट (इथेनॉल) से भरे कुछ ड्रम आने वाले है। जिसका इस्तेमाल अवैध शराब के लिए किया जाना है। सूचना मिलते ही आबकारी अधिकारी ने अपनी टीम तैयार की और मुखबिर द्वारा बताए गए स्थान पर दबिश देकर स्प्रिट (इथेनॉल) से भरे ड्रमों को जब्त करते हुए 6 तस्करों को गिरफ्तार किया है। पकड़ी गई स्प्रिट (इथेनॉल) की कीमत भले ही हजारों में हो, मगर अगर माफिया अपने मंसूबों में कामयाब हो जाते तो स्प्रिट (इथेनॉल) का अवैध शराब में इस्तेमाल कर कम से कम कुछ नहीं तो 12 लाख से अधिक रुपये की शराब का निर्माण कर लेते और इसका सेवन करने से कितने लोग अपने जीवन के साथ खिलवाड़ करते इसका अंदाजा लगाना बेहद ही मुश्किल है। साथ ही अपमिश्रित पेट्रोल मेें भी इसका इस्तेमाल करने की जुगत में थे। आबकारी अधिकारी की कार्रवाई यह कोई पहली नहीं है। जिसे जिले में तैनात रहें, वहां कोई न कोई कार्रवाई कर हमेशा सुर्खियों में रहे। इसलिए आबकारी विभाग में उनकी छवि एक ईमानदार और सख्त अधिकारी के रुप में होती है। आबकारी निरीक्षक व सिपाही पर हुई कार्रवाई के बाद अन्य आबकारी निरीक्षकों के दिल की धड़कनें भी बढ़ गई है। क्योंकि उन्हें भी कहीं न कहीं डर लगने लगा है कि अब अगली कार्रवाई किसी इंस्पेक्टर के ऊपर होती है। आबकारी अधिकारी का कहना है कि शराब तस्करों पर कार्रवाई करने के साथ विक्रेताओं पर भी नजर रखें और किसी भी विक्रेता का शोषण होता हुआ पाया गया तो संबंधित के खिलाफ भी कार्रवाई तय है। इसमें किसी भी प्रकार की कोई रियायत नहीं मिलेगी।

स्प्रिट (इथेनॉल) से भरे 9 ड्रम समेत 6 तस्कर गिरफ्तार

जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया जिले में अवैध शराब का कारोबार करने वालों के खिलाफ विभाग द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है। मंगलवार देर रात को मुखबिर से सूचना मिली की कानपुर के तस्कर आनंद सिंह के माध्यम से लखनऊ के थाना सरोजनी नगर स्थित नादर गंज इलाके के एक गोदाम में स्प्रिट (इथेनॉल) से भरे 9 ड्रम बुधवार को उतरने वाले है। सूचना पर तत्काल कार्रवाई करते हुए आबकारी निरीक्षक क्षेत्र- लक्ष्मी शंकर वाजपेयी, आबकारी निरीक्षक सेक्टर-5 विवेक सिंह, सेक्टर-10 अखिल गुप्ता, सेक्टर-9 विजय राठी, क्षेत्र-2 सुभाष चंद्र की एक संयुक्त टीम गठित की गई। टीम द्वारा कान्हा उपवन नादरगंज के निकट गोदाम का औचक निरीक्षण किया गया। टीम को देख गोदाम में मौजूद लोगों में अफरा-तफरी मच गई। टीम ने गोदाम को चारों से तरफ से घेरने के लिए पहले घेराबंदी की हुई थी। जिससे कोई भी व्यक्ति गोदाम से बाहर न निकल सकें। टीम जैसे ही अंदर जाकर जांच की तो मौके स्प्रिट (इथेनॉल) से भरे 9 ड्रम बरामद किया गया। जिसमें करीब 1450 लीटर स्प्रिट (इथेनॉल) था। मौके से एक मारूति सुपर कैरी कार, 6 इलेक्ट्रिक पंप मशीन, 6 मोबाइल फोन और 3290 लीटर अपमिश्रित पेट्रोल व अपमिश्रित पेट्रोल बनाने के इस्तेमाल में अन्य उपकरण बरामद किया गया। जिला आबकारी अधिकारी ने बताया बरामद अपमिश्रित पेट्रोल को आपूर्ति विभाग को सुपुर्द कर दिया गया।

बरामद स्प्रिट (इथेनॉल) का दुरुपयोग अवैध शराब के इस्तेमाल में किया जा सकता था। बरामद स्प्रिट (इथेनॉल) की कीमत करीब 90 हजार रुपये है। मगर तस्कर अवैध शराब के निर्माण में इसका इस्तेमाल कर कम से कम 12 लाख से अधिक रुपये की अवैध शराब तैयार कर सकते थे। जिसके सेवन से लोगों के स्वास्थ्य पर इसका बुरा असर तो पड़ता ही, साथ ही जान भी जा सकती थी। टीम द्वारा मौके से तस्कर राहुल यादव पुत्र हरिश्चंद्र यादव निवासी अनोरा अमौसी सरोजनी नगर, विनोद पाल पुत्र रामचंद्र निवासी लोनाहा बंथरा, ओमप्रकाश यादव पुत्र रामभजन यादव निवासी अनौरा अमौसी, विकास यादव पुत्र छोटेलाल यादव निवासी भभुआ आत्रोली जिला हरदोई, दुर्गेश यादव पुत्र शिवकुमार यादव निवासी मुनूपुरवा इटौंजा और प्रदीप यादव पुत्र हरिकेश यादव निवासी अनौरा अमौसी सरोजनी नगर को गिरफ्तार किया गया। पकड़ा गया आरोपी राहुल यादव गिरोह का मुखिया है, जो पिछले करीब दो माह से लगातार कानपुर से लखनऊ में स्प्रिट (इथेनॉल) लेकर आ रहा था।

जिला आबकारी अधिकारी ने बताया पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ आबकारी अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए कानपुर के तस्कर आनंद सिंह के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है। जिले में अवैध शराब का निर्माण, बिक्री एवं परिवहन करने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी रहेगी। साथ ही आबकारी निरीक्षकों को भी सख्त निर्देश देते हुए कहा नियमानुसार कार्रवाई करें। कहीं भी कोई शिकायत मिलती है तो निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई करें। अगर किसी भी विक्रेता द्वारा शिकायत मिली की विभाग के इंस्पेक्टर द्वारा उसका शोषण किया जा रहा है तो बिना देरी किए कार्रवाई होगी। विभाग की छवि धूमिल करने वाले माफिया हो, विक्रेता हो या फिर विभाग के अधिकारी व कर्मचारी ही क्यों न हो बिल्कुल भी बख्शा नहीं जाएगा। शराब तस्करों और खुले में शराब पीने और पिलाने वालों पर अभियान चलाकर लगातार कार्रवाई करें।