नई दिल्ली कोरोना काल में बहुत से लोगों को मोराटोरियम की सुविधा से राहत मिली है, कर्ज के भुगतान पर मोराटोरियम की सुविधा को 2 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है। जिसकी जानकारी खुद भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में दी है वह बोले कि हम अधिक दिक्कत वाले सेक्टर्स की पहचान करने में जुटे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह इस मामले को लेकर कल यानी बुधवार को सुनवाई करेगा और फिर अपना फैसला सुनाएगा। सुप्रीम कोर्ट में बहुत सारी याचिकाएं दायर की गई हैं, जिसमें ब्याज माफ करने की मांग की गई है। ये ब्याज उन ईएमआई पर लगा है, जिन्हें कोरोना काल में मोराटोरियम के तहत सस्पेंड किया गया था।
कुछ समय पहले ही भारतीय रिजर्व बैंक ने ये घोषणा की थी कि वह कंपनियों से लेकर आम जनता तक के लिए लोन रीस्ट्रक्चर की सुविधा लाएगा। इसके जरिए एयरलाइन कंपनियां, होटल और स्टील-सीमेंट कंपनियां भी अपना लोन रीस्ट्रक्चर कर सकेंगी, जो कोरोना की वजह से नुकसान झेल रही हैं। रिजर्व बैंक अभी लगातार यही कोशिश कर रहा है कि पिछले 100 सालों में आई इस सबसे बड़ी क्राइसिस में लोगों की मदद कर सके।
ध्यान रहे कि रिजर्व बैंक ने लॉकडाउन के कारण रोजगार छिनने से लोन वालों को राहत देने के मकसद से ईएमआई वसूलने में नरमी दिखाई थी। रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों से कहा था कि वो अपने ग्राहकों को 31 अगस्त तक ईएमआई नहीं भरने का ऑफर दें। हालांकि, इस दौरान ग्राहकों से सामान्य दर से ब्याज वसूलने की भी अनुमति बैंकों को दी गई थी। अब हो सकता है कि इस सुविधा को सीधे 2 साल के लिए बढ़ा दिया जाए।