गाजियाबाद। पेड़ों का हमारे जीवन में क्या महत्व है, पेड़ नहीं होंगे तो इसका दुनिया पर क्या असर पड़ सकता है। इसका जीवंत उदाहरण शनिवार को विजय नगर स्थित गौतम पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल प्रताप विहार एवं रोजवेली पब्लिक स्कूल द्वारा आयोजित वार्षिक समारोह बसन्तोत्सव में देखने को मिला। स्कूल के नन्हे बच्चे जब पेड़ों का रूप धारण कर मंच पर आए तो उन्होंने प्रकृति से छेड़छाड़ करने वाले लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया। वार्षिक उत्सव पर्यावरण बचाओ, बेटी बचाओ, नारी सशक्तिकरण पर केंद्रित रहा। इसके अलावा बच्चों ने प्लास्टिक से होने वाले नुकसान से भी दर्शकों को अवगत करवाया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति के साथ मंच पर इंद्रधनुष की छटा बिखेर कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। बच्चों द्वारा प्रस्तुत किए गए मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रमों को देख हर कोई आनंदित हो उठा। बच्चों के अंदर छिपी प्रतिभा को मंच के ऊपर उभरता देख श्रोता भाव विभोर हो गए और कार्यक्रम स्थल तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंज उठा।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री कैप्टन विकास गुप्ता, विशिष्ट अथिति एडीसीपी क्राइम सच्चिदानंद रहे। मुख्य अतिथि को विद्यालय के निदेशक आशीष गौतम, पुष्प भेंट कर स्वागत किया। मुख्य अतिथि दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री कैप्टन विकास गुप्ता, एडीसीपी क्राइम सच्चिदानंद, विद्यालय के निदेशक आशीष गौतम, प्रधानाचार्या पूनम गौतम, उप प्रधानाचार्या तनूजा, एकेडमिक हेड चेतन शर्मा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर साथ में विद्यालय के संस्थापक स्वर्गीय आरबी गौतम और उनकी धर्मपत्नी स्वर्गीय वेदवती गौतम को माल्यार्पण किया। सर्वप्रथम सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि ने बच्चों अभिभावकों व अन्य गणमान्य व्यक्तियों को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों ने बहुत ही सुंदर, मनमोहक व रंगारंग प्रस्तुतियां दीं।
उन्होंने बच्चों के कार्यक्रम की बहुत ही सराहना की और कहा कि बच्चों को इस तरह के कार्यक्रमों में भाग लेना चाहिए। जिससे उन्हें मंच पर आने का सुनहरा मौका मिलता है व उनका आत्मविश्वास बढ़ता है। उन्होंने कहा कि संस्कारों की शिक्षा देना समाज के लिए सबसे बड़ी देन है। हर छात्र को इसका पालन करना चाहिए। स्कूल के छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। जिसमें चंद्रयान की सफलता को समर्पित नृत्य, पर्यावरण संरक्षण, राम सियाराम, राजस्थानी, पंजाबी, हरियाणवी, भारतीय संस्कृति का प्रतीक, रामायण की कथा प्रस्तुत कर समाज को मर्यादा पुरूषोश्रम श्री राम के आदर्शों को दर्शाया। एडीसीपी क्राइम सच्चिदानंद ने परिजनों को जागरुक करते हुए कहा मोबाइल का दानव आज बच्चों से उनका बचपन छीनता जा रहा है। इसकी गिरफ्त में आ कर वे गंभीर बीमारियों का शिकार भी होने लगे हैं। वे बच्चे जो शारीरिक ऊर्जा खर्च होने वाले खेल न खेल कर सारा समय मोबाइल पर लगे रहते हैं, अक्सर मोटापा व हाईपरटेंशन जैसी बीमारियां का शिकार हो जाते हैं।
उनको लाइफस्टाइल डिसआर्डर हो जाता है, जिसमें मोटापा बढऩा, भूख कम लगना व चिड़चिड़ा होना आदि शामिल हैं। कड़वा सच यह है कि बच्चों में ये सब बीमारियां होने के जिम्मेदार माता-पिता खुद हैं। प्रधानाचार्या पूनम गौतम ने स्कूल की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत कर सत्र 2023-24 की शैक्षिक, खेल व सांस्कृतिक उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होने कहा कि अच्छी शिक्षा एवं संस्कार ही जीवन को एक नया रूप देते हैं। हमें समाज को शिक्षित एवं संस्कारित बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि परिवारों के बढऩे के साथ-साथ उनकी युवा पीढ़ी को संस्कारित एवं सकारात्मक मार्गदर्शन की आवश्यकता है।
उप प्रधानाचार्या तनूजा ने कहा वसंत को ऋतुओं का राजा कहा गया है। संपूर्ण धरती इन दिनों में एक अलग ही रंग में होती है। प्रकृति का सौंदर्य इस ऋतु में अपने चरम पर होता है। हमारे धार्मिक ग्रंथों में वसंत पंचमी को सभी धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों के लिए शुभ माना गया है। माघ मास की पंचमी ज्ञान और विद्या की देवी सरस्वती की आराधना को समर्पित उत्सव है। सरस्वती हमारी परम चेतना हैं। हमारे आचार और मेधा का आधार यही सरस्वती हैं। उसी वसंत ऋतु का आज हम सबने बङे-हर्षोल्लास के साथ स्वागत किया है। विद्यालय शिक्षा का मंदिर है, जहां शिक्षकगण विद्यार्थियों को उचित और सकारात्मक शिक्षा प्रदान कर उनके सर्वागीण विकास के लिए अग्रसर रहते है। इससे हमारी बुद्धि निर्मल रहती है और सकारात्मक सोच का विकास होता है। एकेडमिक हेड चेतन शर्मा ने कहा वार्षिक उत्सव में बच्चों ने समाज को जागृत करने पर जोर दिया गया। वर्तमान में ऐसा करना जरूरी है, क्योंकि बढ़ता प्रदूषण सबके लिए खतरनाक है। यदि हम अभी से इस बारे में नहीं सोचेंगे तो भविष्य में स्थिति ओर भी ज्यादा खतरनाक हो जाएगी।
डायरेक्टर आशीष गौतम ने कहा बच्चों की परवरिश के लिए अच्छा अभिभावक बनना बेहद जरूरी है। अगर आप अच्छे अभिभावक साबित होंगे तो आपके बच्चों का लालन-पालन अच्छे से होगा। उनकी देखभाल में आपको कोई दिक्कत भी नहीं होगी। इसलिए, हर किसी के भीतर पेरेंटिंग कौशल होना बेहद जरूरी है ताकि बच्चों की परवरिश में कोई कमी न रह जाए। बच्चों का सबसे बड़ा धन समय है। समय का सदुपयोग करते हुए उसके कीमत को समझकर जीवन का निर्धारण करें। स्कूल शिक्षा के साथ-साथ संस्कारों की भी पाठशाला है। बोर्ड के बच्चे आप यहां से बेहतर प्रदर्शन करते हुए प्रावीण्य सूची में नाम दर्ज कर स्कूल के साथ-साथ अपने माता पिता का नाम गौरवान्वित करें।