-शराब बिक्री के लिए नहीं सिर्फ मित्रों को पिलाने की मिलेगी इजाजत, दो को मिला लाइसेंस
गाजियाबाद। शराब के शौकीनों के लोगों के लिए अच्छी खबर है। अगर घर पर बैठकर शराब की पार्टी करते हैं तो तैयार हो जाएं। क्योंकि अब घर पर शराब पीने के लिए लाइसेंस लेना होगा। पहले था कि दुकान से शराब लाकर कोई कभी भी पार्टी दे देता था। या फिर घर में रखकर शराब पी सकता था। मगर नए नियम के तहत अब रिश्तेदारों और दोस्तों को अगर घर पर शराब पिलाने की सोच रहे हैं या फिर हमेशा घर शराब रखते हैं तो सावधान हो जाएं। क्योंकि अब बिना लाइसेंस के घर पर शराब की पार्टी नहीं कर सकते और न ही घर में शराब रख सकते हैं। इसके लिए लाइसेंस लेना होगा। जनपद में आबकारी विभाग की ओर से अभी तक दो होम बार लाइसेंस जारी किए गए है। यह लाइसेंस एक साल को मान्य होगा।
अधिकारियों की मानें तो कोई भी व्यक्ति अपने घर में शराब की चार बोतल से ज्यादा नहीं रख सकता, लेकिन अब शराब पीने व पिलाने के शौकीन होम बार लाइसेंस ले सकेंगे। हालांकि, इसके लिए आबकारी विभाग के नियमों का पालन करना होगा। लाइसेंस पाने वाला व्यक्ति एक साथ 125 बोतल से ज़्यादा स्टॉक में नहीं रख सकता। जिसमें व्हिस्की, वोडका, रम, देशी शराब, विदेशी, बीयर, सैंपेन, स्कॉच व्हिस्की के अलावा भी कई श्रेणी तय की गई हैं। हर श्रेणी के में तय सीमा तक ही बोतल होम बार में रखी जा सकती हैं।
नियम:-
1. शराब बिक्री के लिए नहीं अपने मित्रों को पिलाने की होगी सिर्फ इजाजत
2. लाइसेंस धारक 20 फीसदी आयकर के दायरे में आना चाहिए
3. पांच साल का आयकर रिटर्न होना जरूरी
4. एक साल के लिए जारी किया जाएगा लाइसेंस
20 फीसदी वाले आयकर स्लैब में शामिल होना जरुरी
लाइसेंस प्राप्त करने वाला व्यक्ति आयकर सीमा के 20 फीसदी वाले स्लैब में शामिल होना चाहिए। इसी स्लैब में पांच साल से आयकर जमा कर रहा हो। इसके लिए पांच साल का आयकर रिटर्न भी जरूरी है। लाइसेंस के लिए 25 हजार रुपये सिक्योरिटी और 11 हजार रुपये फीस तय है।
बोतलों का रखना होगा स्टॉक
घर में बार लाइसेंस लेने के बाद व्यक्ति को बोतलों का स्टॉक भी रखना होगा। जिसके लिए अधिकारी कभी भी स्टॉक चेक कर सकते हैं। बोतल खरीदने का बिल भी होना जरूरी है। तय सीमा से ज्यादा पाए जाने पर लाइसेंस रद्द किया जा सकता है। बोतलों का स्टॉक नहीं मिलने पर कार्रवाई भी हो सकती है।
सालाना फीस 11 हजार रुपये निर्धारित
इसकी सालाना फीस 11 हजार रुपये निर्धारित की गई है। इसके अतिरिक्त 25 हजार का एफडीआर भी जमा करना होगा, जिसे बाद में शर्तों के साथ वापस कर दिया जाएगा। इसी प्रकार यदि कोई व्यक्ति किसी होटल में अथवा निजी स्थान पर पार्टी का आयोजन करता है। वहां शराब पीना-पिलाना चाहता है तो पार्टी का आयोजन करने से पहले समारोह बार लाइसेंस या ओकेजनल लाइसेंस आबकारी विभाग से निर्धारित शुल्क जमा करके ले सकता है, ताकि किसी भी असुविधाजनक स्थिति से बचा जा सके।
उत्तर प्रदेश सरकार के राजस्व का बढ़ा स्त्रोत शराब है। इसको बढ़ावा देने के लिए यह निर्णय लिया गया है। इसके पीछे तर्क है कि कुछ लोग शराब की दुकानों पर जाने से कतराते हैं, ऐसे लोगों के लिए होम बार लाइसेंस एक बढिय़ा विकल्प होगा। इस योजना से जो लोग अपने घर में आए दिन शराब की पार्टी करते हैं वह किसी छापेमारी के डर बगैर पार्टी कर सकते हैं। अभी तक दो लोगों ने लाइसेंस लिया है। शराब के शौकीन लोगों के लिए यह एक अच्छी नीति है। वर्तमान में प्रचलित आबकारी नीति के अनुसार निजी प्रयोग के लिए निर्धारित फुटकर सीमा से अधिक शराब खरीदना या अपने घर में रखना चाहता है तो अब उसको लाइसेंस दिया जाएगा। मगर लाइसेंस सिर्फ मित्रों एवं परिवार के सदस्यों के साथ पीने के लिए नहीं है। अगर शराब बिक्री की सूचना मिली तो संबंधित के खिलाफ आबकारी अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए जेल भेजा जाएगा और लाइसेंस निरस्त की कार्रवाई भी की जाएगी।
राकेश कुमार सिंह
जिला आबकारी अधिकारी