पैट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शन
लॉकडाउन के बाद जनता पर जेब में सेंध लगाने का लगाया जा रहा आरोप
दीपक वर्मा
शामली। जनता की जेब में जब भी सेंधमारी होती है, तो विपक्ष का कर्तव्य है कि वह कुर्सी पर बैठी सरकार के कान और आंखे खोलने की कोशिश करें। कुछ ऐसा ही इन दिनों यूपी में भाजपा के मजबूत विपक्ष के रूप में पहचान बनाने वाली समाजवादी पार्टी कर रही है। शामली में समाजवादी पार्टी के लोगों ने पैट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ कुछ अलग अंदाज से प्रदर्शन किया। सपाईयों ने भैंस के सामने बीन बजाकर सरकार के कान और आंखे खोलने की कोशिश की। सपाईयों द्वारा सरकार पर लॉकडाउन के बाद जनता की जेब में सेंधमारी के आरोप भी लगाए जा रहे हैं।
क्या है पूरा मामला?
शनिवार को शामली जिला मुख्यालय पर समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता प्रदीप सिंह के नेतृत्व में दर्जनों सपाई शहर की वर्मा मार्किट पर जमा हुए। यहां पर कच्चा तेल सस्ता होने के बावजूद देश में बढ़ी पैट्रोल और डीजल की कीमतों के विरोध में प्रदर्शन का कार्यक्रम तय किया गया था। सपा कार्यकर्ताओं ने मौके पर एक भैंस बुलाई, इसके बाद कार्यकर्ताओं ने बारी-बारी से भैंस के सामने बीन बजाना शुरू कर दिया। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के विरोध के इस अंदाज का लोगों ने जमकर लुत्फ उठाया। हालाकि मीडिया का फोटो सेशन पूरा होने के बाद कार्यकर्ता नारेबाजी कर विरोध को खत्म करते नजर आए। सपा कार्यकर्ताओं ने बताया कि लॉकडाउन के बाद भाजपा सरकार जनता की जेब में सेंधमारी कर अपनी तिजोरी भरने में लगी है। लोग दैनिक जरूरतों को पूरा करने में भी तंगी महसूस कर रहे हैं, इसके बावजूद भी सरकार बढ़ती महंगाई, बिजली बिल और तेल की कीमतों में इजाफा कर जनता को सिसकने पर मजबूर कर रही है।
कहां गया 10 हजार करोड़ का आर्थिक पैकेज?
सपाईयों ने आरोप लगाया कि सरकार ने लॉकडाउन से जनता को उभारने के लिए 10 हजार करोड़ रूपए के आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी, लेकिन इस पैकेज का फायदा जनता तक पहुंचने के बजाय सिर्फ कागजों तक सिमटकर रह गया है। सरकार हाथी के दांत वाली कहावत को चरितार्थ कर रही है। विरोध प्रदर्शन में सचिन राणा, नौशाद इदरीशी, सत्यांशु वर्मा, रवि बालियान, ब्रह्मपाल, नदीम, रामबीर, अक्षय धीरियान, मुंतियाज अली, मदनपाल सिंह, वसीम, बिजेंद्र सिंह, अजय गिरी, विनोद, दीपक आदि मौजूद रहे।