लखनऊ: जाति आधारित सर्वे कराने पर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह और एजेंसी के डायरेक्टर के खिलाफ एक सितम्बर को लखनऊ में दर्ज एफआईआर में पुलिस ने राष्ट्रदोह की धारा जोड़ दी है। एजेंसी को पहले से रिकार्ड वॉइस कॉल के जरिए प्रदेश के मोबाइल उपभोक्ताओं के बीच यह सर्वे करने के लिए हॉयर किया गया था। धारा बढ़ाए जाने की जानकारी पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को दी।
हजरजगंज थाना प्रभारी अंजनी पांडेय ने बताया कि एफआईआर में आईपीसी की धारा 124-ए के तहत देशद्रोह की धारा मामले की जांच की प्रक्रिया के दौरान बढ़ाई गई है। उन्होंने बताया कि 153-ए ( विभिन्न समूहों, जातियों या समुदायों के बीच असौहार्द्र अथवा शत्रुता संप्रवर्तित करने का प्रयत्न) और 153-बी (राष्ट्रीय अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले लांक्षन लगाना) भी एफआईआर में बढ़ाई गई हैं।
उन्होंने बताया कि जांच के दौरान मामले में संलिप्तता पाए जाने पर एफआईआर में आप सांसद और एजेंसी के डायरेक्टर का नाम शामिल किया गया। आप सांसद को पुलिस के सामने अपना बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस भेजा गया है। इस बीच दिल्ली में शुक्रवार को प्रेस से बात करते हुए आप सांसद ने कहा कि वह जांच का सामना करने को तैयार हैं और 20 सितम्बर को लखनऊ आकर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करेंगे। आप सांसद ने उत्तर प्रदेश सरकार और सीएम योगी पर उनके खिलाफ राजनीतिक आधार पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कराने का आरोप लगाया और निंदा की।
उन्होंने कहा कि 12 अलग-अलग राजनीतिक दलों के 37 सांसद इस मुद्दे पर उनके साथ खड़े हुए और राज्यसभा के सभापति से मामले की जांच कराने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस,टीएमसी, समाजवादी पार्टी, शिवसेना, राष्ट्रीय जनता दल, टीआरएस, टीडीपी, डीएमके, अकाली दल, एनसीपी और कई अन्य सांसदों ने उनका समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा के चेयरमैन ने भरोसा दिलाया कि इस मामले की जांच कराई जाएगी।