कानपुर: संजीत अपहरण व हत्याकांड में एसपी साउथ ने बदमाशों को पकड़ने का जाल बिछाया था। पर, बदमाश नाक के नीचे से फिरौती की रकम भरा बैग लेकर फरार हो गए थे और पुलिस हाथ मलती रह गई थी। टीम में तत्कालीन इंस्पेक्टर रणजीत राय भी था। उसके बाद एसपी साउथ ने एक के बाद एक झूठे बोले थे जिसके कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। नाकामी का जाल, लापरवाही और अफसरों को गुमराह करने पर उन पर गाज गिरी। सीओ भी पूरी तरह फेल रहे।
फिरौती की कॉल आने के बाद एसपी साउथ अपर्णा गुप्ता लगातार केस देख रही थीं। बदमाशों ने जब 30 लाख की फिरौती मांगी तो परिजनों ने उनको जानकारी दी। इसके बाद एसपी साउथ और इंस्पेक्टर रणजीत राय ने बदमाशों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। 13 जुलाई को अपहर्ताओं के बताए गए ठिकाने (गुजैनी फ्लाईओवर) पर परिजन और पुलिस पहुंची
फिरौती की रकम से भरा बैग भी संजीत के पिता चमन यादव लेकर पहुंचे थे। बदमाश नीचे रेलवे क्रॉसिंग पर पहुंचे। पुलिस ने बदमाशों के कहने पर फ्लाईओवर के ऊपर से रुपयों से भरा बैग नीचे फेंक दिया था। बदमाश बैग लेकर तुरंत फरार हो गए थे। इसके बाद एसपी साउथ ने बयान जारी किया कि पुलिस परिजनों के साथ नहीं थीं। पूरी घटना में गोविंद नगर सीओ मनोज कुमार गुप्ता की भूमिका भी संदिग्ध रही। न शिकायत को गंभीरता से लिया और ही कार्रवाई की। परिजनों से अभद्रता भी की।