संदिग्ध परिस्थितियों में लापता अधिवक्ता का मिला शव


सुरेन्द्र भाटी@ बुलंदशहर । खुर्जा की गुलशन बिहार कॉलोनी से संदिग्ध परिस्थितियों में लापता अधिवक्ता धर्मेंद्र चौधरी का शुक्रवार देर रात उसी के एक दोस्त के टाइल्स शोरूम से शव बरामद हो हुआ । टाइल्स व्यापारी ने अपने दो नौकरों के साथ मिलकर अधिवक्ता की लेन-देन के विवाद में हत्या की थी और शव को अपने शोरूम में बने गड्ढे में दबा दिया ।

अधिवक्ता धर्मेंद्र चौधरी 25 जुलाई की देर शाम से लापता हो गए थे । उनकी बाइक अगले दिन सुबह गांव खबरा के जंगल में लावारिस हालत में पड़ी मिली थी । एसएसपी ने अधिवक्ता की तलाश में जंगलों में काम्बिंग कराई और ड्रोन कैमरा का सहारा लिया, लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लगी ।

एसएसपी संतोष कुमार सिंह के निर्देश पर एसपी क्रांइम शिवराम यादव और एसपी देहात हरेंद्र सिंह खुर्जा में ही कैंप किए हुए थे । अधिवक्ता की गुमशुदगी एसएसपी के लिए चुनौती बन गई थी ।
इस दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि अधिवक्ता का वैशाली कॉलोनी निवासी अरुण कुमार उर्फ विक्की के यहां आना जाना है । उसका टाइल्स का शोरूम है और 25 जुलाई की शाम अधिवक्ता की उसके यहां जाने की सीसीटी कैमरे की फुटेज से पुष्टि हुई, लेकिन वापस लौटने की कोई पुष्टि नहीं हुई ।

पुलिस को यह भी जानकारी मिली कि विक्की ने अधिवक्ता से 50 लाख रुपए 4% की दर से ब्याज पर ले रखा था और ब्याज की राशि 10 लाख रुपए तक पहुंच गई थी, संदेह पुष्ट करने के लिए पुलिस ने विक्की से पॉलीग्राफ टेस्ट कराने को कहा तो वह इसके लिए राजी हो गया, लेकिन 31 जुलाई को दिल्ली टूथ लैब पहुंचने पर खुद को बीमार बताकर पॉलीग्राफ टेस्ट से मना कर दिया, जिससे पुलिस की शक की सुई विक्की पर और गहरा गई | पुलिस ने विक्की व उसके नौकर हकीमुद्दीन और अमित को लेकर सख्ती से पूछताछ की तो हकीमुद्दीन ने सच उगल दिया ।

पूछताछ में बताया कि 25 जुलाई की रात विक्की ने अधिवक्ता को खाना खाने के लिए टाइल्स शोरूम पर बुलाया था और वही तीनों ने मिलकर उसकी गला घोटकर हत्या करके शव शोरूम में पक्के गड्ढे में दबाकर टाइल्स से ढक दिया था । पुलिस ने शुक्रवार देर रात हकीमुद्दीन की निशादेही पर टाइल्स शोरूम से शव को बरामद कर लिया है ।