- किसान विरोधी विधेयकों को भी रद्द करने की भी मांग
- भीम आर्मी व आजाद समाज पार्टी ने राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन
दीपक वर्मा@शामली। भीम आर्मी भारत एकता मिशन व आजाद समाज पार्टी ने सरकारी क्षेत्रों के निजीकरण पर रोक, युवाओं को रोजगार, किसान विरोधी विधेयकों को रद्द करने की मांग को लेकर बुधवार को जमकर प्रदर्शन किया तथा राष्ट्रपति से समस्याओं के समाधान की मांग की। जानकारी के अनुसार भीम आर्मी भारत एकता मिशन जिलाध्यक्ष अनुज भारती के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने बुधवार को सरकारी क्षेत्रों के निजीकरण पर रोक, अन्य निजी क्षेत्र में एससी, एसटी, ओबीसी को आरक्षण, युवाओं को रोजगार एवं किसान विरोधी विधेयकांें को रद्द करने की मांग को लेकर जमकर प्रदर्शन किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन एसडीएम को सौंपा गया। ज्ञापन में कहा गया कि समाज में कल्याणकारी राज्य की स्थापना सुनिश्चित करने के लिए भारतीय संविधान द्वारा सभी नागरिकों को समान अधिकार दिए गए हैं, साथ ही सदियों में सामाजिक बहिष्कार एवं शोषण के शिकार रहे वंचित समुदाय के लोगों को राष्ट्र के विकास की मुख्यधारा से जोडने के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है। मगर अफसोस कि संविधान लागू होने के इतने वर्षों बाद भी किसी भी विभाग में इन वर्गों के निर्धारित आरक्षण आज तक पूरा नहीं किया गया। वर्तमान केन्द्र सरकार कल्याणकारी राज्य की अवधारणा को छोडकर जातिवादी एवं पूंजीवादी व्यवस्था को देश पर थोप रही है जिससे देश के कमजोर शोषित वंचित वर्ग के लोग लगभग बर्बादी के कगार पर खडे हो चुके हैं। भाजपा सरकार ने रेलवे, बैंक, एलआईसी, ओएनजीसी एवं अन्य संस्थानों को उद्योगपतियों के हवाले कर उनके सामने नतमस्तक हो रही है। सबसे ज्यादा हमला शिक्षा व स्वास्थ्य क्षेत्रों पर हुआ है जिससे युवाओं में आक्रोश है। आज गरीब मां-बाप हताशा का जीवन जी रहे हैं। एक रिपोर्ट कहती है कि साल भर में करीब 42 हजार किसानों ने आत्महत्या कर ली। आपदा के दौर में किसानों की मदद करने के बजाय सरकार द्वारा किसान विरोधी विधेयकों को बगैर किसी चर्चा के पास किया जाना सत्ता के निरंकुशता का प्रमाण है। ज्ञापन में सरकारी संस्थाओं, उपक्रमों, विभागों का निजीकरण रोकने, लैटरल एंट्री, आउटसोर्सिंग एवं संविदा जैसी छात्र विरोधी नीतियों को त्यागकर छात्रों व युवाओं को रोजगार देने, सफाई कर्मियों की अस्थायी नियुक्ति को तत्काल स्थायी करने, वर्तमान सत्र में पास किए गए तीनों किसान विरोधी कृषि विधेयकों को तत्काल प्रभाव से रद्द करने की भी मांग की। इस अवसर पर अंकुर, मंगलदास, नीटू, जितेन्द्र, राजकुमार, नासिर चैधरी, सिकंदर, जान आलम, विजय कुमार, रोहित, नदीम, कुलदीप, गौरव आदि भी मौजूद रहे।