सरकारी-प्राइवेट अस्पताल में हेल्प डेस्क स्थापित, मरीजों को मिलेगी राहत

प्रमोद शर्मा@ गाजियाबाद: जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या और मरीजों को होने वाली परेशानी को देखते हुए जिलाधिकारी डॉ.अजय शंकर पांडेय के आदेश पर अब जिले के सरकारी और प्राइवेट अस्पताल में हेल्प डेस्क स्थापित कर चालू कर दी गई है। ताकि मरीजों को किसी तरह की असुविधा न हो, मरीजों को अस्पताल में ईधर ऊधर न भटकना पड़े।प्रदेश सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन ने सभी अस्पतालों में हैल्प डेस्क स्थापित की गई हैं। एसीएमओ डा.संजय अग्रवाल को इस व्यवस्था का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। जिलाधिकारी डॉ.अजय शंकर पांडेय ने बताया कि आपात कालीन मेडिकल सुविधाओं में आमजन को किसी तरह की परेशानी न आए और मरीज, अस्पताल और प्रशासन के बीच बेहतर सामंजस्य स्थापित करना, हेल्प डेस्क का उद्देश्य हैं। कोविड-19के संक्रमण से सुरक्षित रखने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निदेर्शों के अनुरूप जिला प्रशासन ने जिले के प्रमुख निजी और सरकारी अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाएं शुरू कराई हैं। अस्पतालों में संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है। ऐसे में मरीज के अस्पताल में इधर ऊधर भटकने से जहां संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है वहीं उपचार मिलने में अनावश्यक रूप से देरी भी होती है। अस्पताल में प्रवेश करते ही हैल्प डेस्क पर संपर्क करने से यह दोनों समस्याएं दूर हो जाएंगी। इसके साथ ही हेल्प डेस्क के जरिए मरीज,अस्पताल और प्रशासन के बीच बेहतर सामंजस्य भी स्थापित हो सकेगा। एसीएमओ डा. संजय अग्रवाल को इसका नोडल बनाया गया है। हेल्प डेस्क पर सिविल डिफेन्स के कर्मियों को तैनात किया गया है,जो राउंड द क्लॉक उपस्थित रहकर मरीज का अस्पताल और अस्पताल का प्रशासन के साथ समन्वय कराएंगे। नोडल अधिकारी डा. संजय अग्रवाल एवं उनकी टीम को प्रतिदिन समस्त अस्पतालों का भ्रमण कर मरीजों को ईलाज में किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, यह सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं। यदि किसी को कोई भी समस्या है, तो वह सबसे पहले नोडल अधिकारी एसीएमओ डा. संजय अग्रवाल से संपर्क करें। सीएमओ डॉ.एनके गुप्ता,मुख्य विकास अधिकारी अस्मिता लाल एवं जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय को समस्या से अवगत करा सकते हैं। हेल्प डेस्क एमएमजी जिला चिकित्सालय, जिला महिला चिकित्सालय,जिला संयुक्त चिकित्सालय संजय नगर,संतोष अस्पताल,मैक्स अस्पताल,यशोदा अस्पताल, कौशांबी में स्थापित की गई हैं। निर्देश दिए कि अस्पताल में ईलाज के लिए आने वाले हर मरीज को अटेंड किया जाए।