सावधान रहेंगे, तभी सुरक्षित रहेंगे, बरतें विशेष सावधानी

-कोरोना का खतरा टला नहीं…जरा सी लापरवाही पड़ सकती है भारी

प्रमोद शर्मा@ गाजियाबाद। कोरोना का खतरा टला नहीं है। बाजार खोले जाने की छूट का मतलब यह नहीं है कि लोग संक्रमण से सुरक्षा के उपाय न करें या फिर सिर्फ मस्ती के लिए घरों से बाहर निकलें। याद रहें, जरा की चूक बहुत भारी पड़ सकती है, एहतियात से रहने की आदत डालें। यह अपील जिले के प्रमुख लोगों की है। भाजपा नेता एवं समाजसेवी सौरभ जायसवाल ने कहा कि लॉकडाउन समाप्त होने का मतलब कोरोना वायरस के संक्रमण को हल्के में लेना नहीं है। जरूरी हो तो ही घर से निकलें। विश्व स्वास्थ्य संगठन और आयुष मंत्रालय की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का पालन जरूर करें।

बाजार में जाएं तो सामाजिक दूरी का पालन जरूर करें। खुद को सैनिटाइज करके और मास्क लगाकर ही घर से निकलें। आयुष का काढ़ा जरूर पिएं। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। सौरभ जायसवाल ने बताया सामाजिक दूरी का पालन करें, मास्क लगाकर रखें, साबुन से समय समय पर हाथ धोते रहें… यह कोरोना से बचाव का मूलमंत्र है। इसका जो पालन करेगा, वही सुरक्षित रहेगा। जो पालन नहीं करेगा, वह अपने लिए ही नहीं, दूसरों के लिए भी खतरा है। देश में संक्रमित बढ़ रहे हैं। आने वाले दिनों में और ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है।

मास्क न लगाना कोरोना को निमंत्रण देना
व्यापारी एवं समाजसेवी प्रेमचंद गुप्ता ने कहा अगर कोई मास्क नहीं लगाए है तो समझिए कि वो कोरोना को निमंत्रण दे रहा है। शहर में जागरुकता बढ़ी है लेकिन कुछ लोग लापरवाही कर रहे हैं। ये खुद के लिए भी खतरा है और दूसरों के लिए भी। मास्क अवश्य पहनें, सामाजिक दूरी का पालन करें। लॉकडाउन ने हमें काफी कुछ नसीहतें दी हैं। अब बाजार खुले हैं तो इसकी गाइडलाइन हैं। इनका पालन किया जाए। अगर पड़ोस में कोई बगैर मास्क के जा रहा है तो उसे टोकें। यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। मास्क, सैनिटाइजर, सामाजिक दूरी … इस जंग में ये ही हमारे हथियार हैं। बगैर दस्ताने और मास्क के बाहर निकल रहे लोगों के पुलिस चालान काट रही है तो इसमें गलत क्या है? 

स्वस्थ लोग दूसरों को कर सकते हैं संक्रमित 
भाजपा किसान मोर्चा महानगर मीडिया प्रभारी गौरव शर्मा ने कहा कि कोरोना के 80 फीसदी मामलों में लक्षण नहीं आते। यह ज्यादा चिंता की बात है। जो युवा घर से बाहर जा रहे हैं, हो सकता है कि वे बीमार न पड़ें, उन्हें पता ही न चले कि वे संक्रमित हो गए लेकिन वे वाहक बनकर बच्चों और बुजुर्गों में संक्रमण पहुंचा सकते हैं। इसलिए अपने लिए ही नहीं, अपनों के लिए भी सुरक्षा के उपाय अवश्य करें। लोगों ने लॉकडाउन में उन दिक्कतों का सामना किया जो कभी सोचा नहीं था। यह न सोचें कि खतरा टल गया या खत्म हो गया। अनलॉक फेज वन में चेहरे पर मास्क, हाथों में दस्ताने, साथ में सैनिटाइजर होना जरूरी है। सरकार ने गाइडलाइन दी है, उसका पालन करें।