IN8@गुरुग्राम…. गुरूग्राम की मेयर मधु आजाद ने कहा कि माता सावित्री बाई फूले भारत की पहली महिला शिक्षिका, समाज सुधारिका एवं मराठी कवयित्री थी, जिन्होंने अपने पति ज्योतिराव गोविंदराव फूले के साथ मिलकर स्त्री अधिकारों एवं शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए। उन्हें आधुनिक मराठी काव्य का अग्रदूत माना जाता है।
श्रीमती आजाद ने उक्त विचार ऑल इंडिया सैनी सेवा समाज महिला इकाई द्वारा प्रथम भारतीय महिला शिक्षिका माता सावित्री बाई फूले की जयन्ती के अवसर पर आयोजित उत्कृष्ट महिला शिक्षिका सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए व्यक्त किए। उन्होंने माता सावित्री बाई फूले को अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए तथा उनके आदर्शो को जीवन में उतारने का संकल्प लिया। मेयर ने कहा कि महाराष्ट्र के सतारा में जन्मी इस महान महिला ने केवल 17 वर्ष की आयु में देश का पहला कन्या विद्यालय शुरू किया था, ताकि अभिभाव अपनी बच्चियों को पढ़ाई करने से ना रोकें। मेयर ने कहा कि शिक्षा किसी भी देश या समाज के विकास का आधारभूत ढ़ांचा होती है। जिस देश की शिक्षा प्रणाली उच्च कोटि की होती है, उस देश का विकास बहुत तेज गति से होता है। आज दुनियाभर में यह प्रमाणित हो चुका है कि शिक्षा हर एक नागरिक का संपूर्ण विकास करती है।
शिक्षा मनुष्य के विचारों से लेकर उसकी संपूर्ण जीवन सैली को प्रतिबिंबित व प्रभावित करती है। माता सावित्री बाई फूले ने उस समय देश में सामाजिक चेतना फैलाई। वे एक मिसाल, प्रमाण और प्रेरणा हैं कि अगर दृढ़ संकल्प और इच्छाशक्ति हो तो समाज में नई चेतना का विस्तार किया जा सकता है। इस मौके पर डिप्टी मेयर सुनीता यादव, ऑल इंडिया सैनी सेवा समाज महिला इकाई की राष्ट्रीय अध्यक्षा अलका सैनी, राष्ट्रीय सहसचिव रेखा सैनी, प्रदेश अध्यक्षा नीलम सैनी व जिलाध्यक्षा योगिता सैनी सहित अन्य गणमान्य महिलाएं उपस्थित थी।