बुलन्दशहर@ सुदीक्षा भाटी अपने गांव के लिए ही नहीं, बल्कि देश के लिए भी एक मिसाल थी। बचपन का नाम सोनिया था, लेकिन उसने कक्षा तीन में खुद बदलकर नाम सुदीक्षा रखा और इस नाम के अर्थ को चरितार्थ करना शुरू कर दिया। सामान्य घर में जन्म लेने के बावजूद योग्यता के बल पर उसने न केवल क्षेत्र का नाम रोशन किया था, वह देश की लड़कियों को अपनी तरह शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाना चाहती थी। इस सपने को पूरा करने के लिए उसने ‘उभरती’ प्रोजेक्ट तैयार किया था। इसके अंतर्गत वह सामान्य और निर्धन परिवार की लड़कियों को शिक्षित करने का बीड़ा उठा रही थी।
परिजनों ने बताया कि वह भविष्य और योजनाओं को लेकर मामा सुमित से अक्सर चर्चा करती थी। सुमित ने बताया कि सुदीक्षा का बचपन का नाम सोनिया था। उसने कहा था कि ये नाम उसके व्यक्तित्व से मेल नहीं खाता। तब उन्होंने उसे सुदीक्षा नाम रखने की सलाह दी। सुदीक्षा ने स्वयं गांव के प्राइमरी स्कूल में अपना बदलकर सुदीक्षा करा दिया। जब एक बार शिक्षिका उसके घर आईं तो सुदीक्षा कहकर पुकारा तब जाकर परिजनों को इसकी जानकारी हुई।