मोबाइल युग में जल्द बड़े होते बच्चे कहें या भारतीय संस्कृति पर हावी होती पश्चिमी संस्कृति की झलक कहें लेकिन यह सत्य है कि आजकल के छोटे बच्चे भी खुलकर सेक्स की बातें करने लगे हैं ।
हमारी पीढ़ी 30 वर्ष से ऊपर की होने के बाद भी अपने से बड़ों के सामने आज भी सेक्स की बातें करने में संकोच करती है लेकिन आजकल के छोटे बच्चे जिनकी उम्र 10-12 बरस से भी कम होती है वह सेक्स की बातें करने में जरा सा भी संकोच नहीं करते ।
अब इसे मॉडर्न युग कहें या भारतीय संस्कृति का पतन की एक छोटा बच्चा भी बेझिझक ऐसी बातें करने लगा हैं । यहां हम किस चीज को दोष देंगे अपनी परवरिश को, मोबाइल को , टेलीविजन को या फिर रोज मिलने वाले अनलिमिटेड नेट पैक को जिसने मोबाइल में दिखने वाले प्रोग्राम को बच्चों की पहुंच तक आसानी से पहुंचा दिया है ।
अब बात करते हैं असल मुद्दे की । मेरे ऑफिस का मेरा साप्ताहिक अवकाश शुक्रवार को होता है तो इस दिन कोरोना को देखते हुए कहीं बाहर जाना तो मुश्किल ही होता है और किसी रिश्तेदार के घर भी नहीं जा सकते तो मैं शुक्रवार को शाम को अपने एक दोस्त के यहां चला जाता हूं। वहां पर उसके पास कई छोटे-छोटे बच्चे भी आ जाते हैं ।
इस बार जैसे ही मैं वहां गया तो 4 बच्चे वहां पहले से ही मौजूद थे तो वहां पहुंचने के बाद हम आपस में बातें करने लगे । अचानक से ही एक बच्चा उनमें से सेक्स की बातें करने लगा । देखते ही देखते वो चारों बच्चे आपस में सेक्स की बात करने लगे। हद तो तब हो गई जब वो ये सब बाते हमें भी बताने लगे। अब बताओ इसे क्या कहेंगे। भारतीय संस्कृति पर हावी होती पश्चिमी सभ्यता या कुछ और।
भरत कुमार निषाद (वरिष्ठ पत्रकार)