गंगा में जल स्तर बढने के बाद वन विभाग की संरक्षित भूमि से हो रहा है अवैध खनन


सुरेन्द्र भाटी@बुलन्दशहर बुलन्दशहर खनन माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि वह धरती का सीना चीर कर अवैध खनन कर रहे हैं।खनन माफियाओं में अवैध खनन का एक नया तरीका निकाला है, खनन माफिया पुलिस और वन विभाग की मिलीभगत से वन विभाग की संरक्षित भूमि वेटलैंड यानी की दलदली भूमि से भारी मात्रा में बालू खोदकर ले जा रहे हैं।

बालू के अवैध खनन में लगभग 200 से ज्यादा लोकल लोग बोगियों में बालू भरकर दूर खड़े ट्रक, डंपर और ट्रैक्टर ट्रॉलीओं में भर देते हैं, उसके बाद डंपर ट्रक और ट्रैक्टर ट्रॉली के द्वारा इस बालू को बाहरी इलाके में महंगे दामों में बेचा जाता है। जिससे जिला प्रशासन के राजस्व को एक बड़ी हानि हो रही है यह अवैध खनन अनूपशर कोतवाली के गांव सिरोरा और हसनपुर में खनन माफियाओं के द्वारा किया जा रहा है। ऐसा नहीं है कि अनूपशहर कोतवाली को अवैध खनन की सूचना ना हो लेकिन लगता है|

जब खुद की मिलीभगत है तो फिर इन खनन माफियाओं पर आखिर कौन कार्रवाई करेगा। सरकार में हाईकोर्ट के आदेशों की खनन माफिया लगातार धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे हैं। तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि किस तरीके से दलदली भूमि में किसान मजदूर फावड़ों से बालू खोद खोद कर बाहर फेंक रहे हैं और फिर इस बालू को बुग्गी में भरकर ट्रक और डंपर तक पहुंचाया जाता है।

अभी बीती रात ही बुलंदशहर डीएम और एसएसपी ने खनन माफियाओं को लेकर छापामार कार्रवाई की थी मौके पर कुछ लोग छोटी छोटी मात्रा में अवैध खनन की होता हुआ मिला था। अब देखना होगा कि डीएम और एसएसपी इन खनन माफियाओं के खिलाफ किस तरह की कार्रवाई करते हैं। साथ ही गंगा में हो रहे अवैध खनन से संचित जी डॉल्फिन को भी खतरा नजर आ रहा है।