IN8@फिरोजपुर झिरका… फिरोजपुर झिरका रंगाला गांव में 220 केवीए पावर हाउस में तकनीकी खराबी के चलते शनिवार की अल सुबह 6 बजे फिरोजपुर झिरका सहित इलाके के 200 से अधिक गांवों की बिजली व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो गई। रविवार की सांय लगभग 35 घंटे बाद बिजली विभाग के कर्मचारियों की मेहनत रंग लाई ओर सांय 5 बजे बिजली की आपूर्ति की गई। जिससे लोगों के चेहरे खिल उठे।
ज्ञात हो कि शनिवार की अल सुबह 6 बजे रंगाला के बिजली घर में अचानक बिजली में फाल्ट हो गया ओर तकनिकी खराबी के चलते मैन ट्रांसफार्मर की बुश क्षतिग्रस्त हो गई। इसके कारण फिरोजपुर झिरका 33 केवीए से चलने वाले गांवों में बिजली की आपूर्ति पूरी तरह बाधित हो गई। ट्रांसफार्मर की बुश टूटने के बाद उसे देर रात हिसार से मंगवाया गया। देर रात से शुरु हुए कार्य के पश्चात रविवार की शाम पांच बजे तक इसका कार्य फरीदाबाद के कर्मचारियों के द्वारा पूरा हो सका। जबकि बिजली नही आने से इलाके में हाहाकार मच गया। इलाके की बिजली आपूर्ति ठप होने से जहां गर्मी के कहर से लोगों के सब्र का बांध जवाब दे रहा था।
वहीं दुधारु पशुओं के साथ आम व्यक्ति को भी पीने के पानी के लाले पड़ गए। लोग एक एक बूंद पानी के लिए तरसते नजर आए। जबकि जन स्वास्थ्य विभाग की ओर से पीने के पानी को कोई भी उचित प्रबंध नही किया गया । करीब 35 घंटे बाधित रही बिजली ने स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों की पोल खोलकर रख दी। एक तरफ जहां एचवीपीएनएल के कर्मचारी पूरी तत्परता के साथ बिजली व्यवस्था को चालू करने को लेकर जुटे हुए थे। वहीं बिजली न आने के कारण खड़ी हुई पानी की समस्या को दूर करने वाला जनस्वास्थ्य विभाग व उसके अधिकारी क्षेत्र से नदारद नजर आए। आपदा की इस घड़ी में जनस्वास्थ्य विभाग की ओर से पानी को तरस रहे लोगोंं को पानी मुहैया नहीं कराया गया। यदि विभाग टैंकरों के माध्यम से पानी की आपूर्ति करता तो लोगों को परेशानी नहीं होती। लोगों का आरोप है कि जब क्षेत्र के लोग पानी को तरस रहे थे तो विभाग की ओर से लोगों तक टैंकरों के माध्यम से पानी पहुंचाने की पहल नहीं की गई।