कोरोना ने बना दी मां और भक्तों के बीच दूरी

  • अष्टमी पर मंदिर के गेट पर ही पूजा करना बना मजबूरी
  • श्रद्धा एवं उल्लास से मनाया गया श्री दुर्गाष्टमी व नवमी का त्यौहार

दीपक वर्मा@शामली। श्री दुर्गाष्टमी व नवमी का पर्व शनिवार को श्रद्धा, उल्लास एवं भक्ति के साथ मनाया गया लेकिन कोरोना महामारी ने मां और भक्तों के बीच दूरी जरूर बढा दी। त्यौहार पर जहां मंदिरों में चहल पहल बेहद कम रही वहीं पुरानी सब्जी मंडी स्थित आट्ठेवाला मंदिर के कपाट बंद रहने से श्रद्धालु मां के दर्शन नहीं कर सके। मंदिर के बंद गेट के बाहर ही श्रद्धालुओं ने मां की पूजा अर्चना कर अपनी भक्ति और श्रद्धा का उदाहरण पेश किया। इस दौरान कुछ श्रद्धालुओं ने दुर्गाष्टमी पर्व पर मंदिर के कपाट बंद रहने से आक्रोश भी जताया लेकिन पुजारियों द्वारा उन्हें कोरोना महामारी का हवाला देकर किसी प्रकार शांत किया। वहीं शहर के अन्य मंदिरों में भी भीड न हो, इसके लिए पुलिसकर्मियों की तैनाती की गयी थी।
जानकारी के अनुसार प्रत्येक वर्ष नवरात्र महोत्सव पूरे धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है लेकिन इस बार देश में कोरोना महामारी का प्रकोप रहने के चलते शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा गाइडलाइन जारी कर मंदिरों में अनावश्यक भीड न लगाने, मास्क व सैनेटाइजर का प्रयोग करने की सख्त हिदायत दी गयी थी। जिला प्रशासन ने मंदिर कमेटियों को भी विशेष दिशा निर्देश जारी किए थे। शनिवार को श्री दुर्गाष्टमी व नवमी का त्यौहार घरों में तो पूरी श्रद्धा, उल्लास से मनाया गया लेकिन इस कोरोना महामारी ने मां और भक्तों के बीच दूरी जरूर बना दी। पहले पर्व के मौके पर मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड उमडती थी लेकिन इस बार मंदिरों में श्रद्धालुओं की चहल-पहल दिखाई नहीं दी, हालांकि मंदिरांे में श्रद्धालु पूजा अर्चना के लिए जरूर पहुंचे जहां उनकी थर्मल स्क्रीनिंग की गयी, साथ ही मास्क व सैनेटाइजर का प्रयोग करने के बाद ही प्रवेश दिया गया लेकिन पुरानी सब्जी मंडी स्थित देवी मंदिर आट्ठेवाला के कपाट तो सुबह से ही बंद रहे जिसके चलते श्रद्धालु मां दुर्गा के दर्शन भी नहीं कर पाए। इस दौरान कुछ श्रद्धालुओं ने मंदिर के गेट बंद होने पर आक्रोश भी जताया लेकिन मंदिर कमेटी द्वारा कोरोना महामारी के चलते प्रशासन की गाइडलाइन का हवाला देते हुए उन्हें शांत कराया। मंदिर गेट पर जिला प्रशासन द्वारा बैनर भी लगाया गया था जिसमें कोरोना महामारी के चलते मंदिर बंद रहने की सूचना दी गयी थी। कई महिला श्रद्धालुओं ने बताया कि मां तो हर जगह निवास करती है, मन में मां के प्रति सच्ची श्रद्धा और भक्ति भाव होना चाहिए, मंदिर के कपाट भले ही बंद हो लेकिन मां उनसे दूर नहीं है। श्रद्धालुओं ने मंदिर के गेट पर ही मां की पूजा अर्चना कर उन्हें हलवा पूरी का भोग लगाया। वहीं दूसरी ओर मंदिर हनुमान टीला हनुमान धाम, सिद्धपीठ मंदिर गुलजारी वाला, भाकूवाला मंदिर, सतीवाला मंदिर, राजो मौहल्ला स्थित चैदस वाला मंदिर सहित अन्य मंदिरों में श्रद्धालुओं ने मां की पूजा अर्चना की। मंदिरों में भीड न हो, इसके लिए पुलिसकर्मियों की भी तैनाती की गयी थी। इसके साथ ही नवरात्र महोत्सव का भी समापन हो गया।