- खजाना निकलने की सूचना पर पहुंची पुरातत्व विभाग की टीम
- खेड़ी-खुशनाम गांव में पहुंचकर की गहनता से की जांच पड़ताल
दीपक वर्मा@शामली। जिले के खेडी खुशनाम गांव में खेत पर खुदाई के दौरान खजाना निकलने की सूचना पर पुरातत्व विभाग की टीम शामली पहुंची। टीम ने यहां पर झिंझाना थाना क्षेत्र के गांव खेड़ीकृखुशनाम में पहुंचकर संबंधित स्थल का बारीकि से निरीक्षण किया। एक ग्रामीण ने टीम को खुदाई स्थल से मिले सिल्वर के सिक्के को भी दिखाया, जिसकी जांच पड़ताल कर टीम के अधिकारियों ने सिक्के के 1320 शताब्दी से 1350 शताब्दी का होना बताया है।
क्या है पूरा मामला?
शामली जिले के झिंझाना थाना क्षेत्र की चैसाना पुलिस चैकी के अंतर्गत आने वाले गांव खेड़ी खुशनाम में तीन दिन पूर्व खेत पर खुदाई के दौरान खजाना निकलने की सूचना पर ग्रामीणों में हड़कंप मच गया था। जिला पुलिस प्रशासन के अफसरों ने भी मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल की थी, लेकिन उस दौरान खेत मालिक और मजदूरों ने खेत से खजाना निकलने से इंकार कर दिया था, वहीं कुछ ग्रामीणों ने मौके से कुछ सिक्के बरामद होने की बात कही थी, जो ग्रामीणों के पास अभी भी मौजूद हैं। मामले में जिला प्रशासन की ओर से पुरातत्व विभाग की टीम को मामले की जानकारी दी गई थी, जिसके बाद बुधवार को पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की टीम अधीक्षक पुरातत्विद डीवी गणनायक के नेतृत्व में शामली जनपद पहुंची। टीम ने गांव खेडी खुशनाम में पहुंचकर मौके पर गहनता से जांच पड़ताल की। इस दौरान एसडीएम ऊन मणि अरोरा और भारी पुलिस बल भी मौके पर मौजूद रहा।
टीम को मिला एक चांदी का सिक्का
पुरातत्व विभाग की टीम ने ग्रामीणों से बातचीत की और खजाना के सम्बंध में जानकारी जुटाई, लेकिन ग्रामीणों ने खजाने की जानकारी होने से इंकार कर दिया। इसके बाद इंसाद राणा नाम के एक शख्श ने टीम को एक सिल्वर कॉइन उपलब्ध कराते हुए उसे खुदाई के दौरान मौके से प्राप्त होने का दावा किया. टीम ने सिक्के की जांच पड़ताल करते हुए उसके 1320 से 1350वीं शताब्दी का होने की आशंका जताई, जिसे मौहम्मद बिन तुगलक काल का बताया जा रहा है। टीम ने सिक्के की जांच पड़ताल के बाद उसे वापस लौटाते हुए धारक को सिक्के को नही बेचने की हिदायत भी दी।
दो दिन में भी बन गया मकान
जिला स्तरीय अधिकारियों की जांच पड़ताल में यह भी सामने आया है कि जहां से खजाना निकलने की बात बताई जा रही है, वहां पर दो दिनों के भीतर ही मकान बनाकर खड़े कर दिए गए हैं। अधिकारियों के निर्देश पर पुलिस ने गांव के कुछ लोगों के नाम पते भी नोट करते हुए उन्हें गुरूवार को पूछताछ के लिए थाने पर बुलाया है।
इन्होंने बताया…
जिस जगह पर खजाना निकलने की बात बताई जा रही है, वह जगह पुरातात्विक नही है। मौके से कुछ सिक्के निकले हो सकते है। इंसाद राणा से एक सिक्का मिला है, जिसको जांच के बाद उन्हीं को सुपुर्द कर दिया गया। धारक को सिक्के को बेचने से मना किया गया है। अगर कभी कोई व्यक्ति सर्वे अथवा अध्ययन के लिये आता है तो सिक्के को उपलब्ध कराना होगा।
-डीवी गणनायक अधीक्षक पुरातत्विद, पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग