सुरेन्द्र भाटी@बुलन्दशहर गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर, दोनों जिलों के लोगों के लिए बड़ी खबर है। ग्रेटर नोएडा से आगे बुलंदशहर के इलाके में नया नोएडा बसाया जाएगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने गौतमबुद्ध नगर में दादरी और बुलंदशहर की सिकंदराबाद तहसील के 80 गांवों को नोएडा विकास प्राधिकरण में समाहित करने के प्रस्ताव पर मंजूरी दे दी है। दरअसल, इन 80 गांव में दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर परियोजना का निवेश क्षेत्र विकसित किया जाएगा।
यह जिम्मेदारी नोएडा विकास प्राधिकरण को सौंपी गई है। नोएडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी है।नोएडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु महेश्वरी ने बताया कि दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के समीप वाले 80 गांवों को विकसित करने की जिम्मेदारी नोएडा प्राधिकरण को दे दी गई है। यह प्रस्ताव डीएमआईसीडीसी की ओर से नोएडा अथॉरिटी को दिया गया था।
प्राधिकरण ने यह प्रस्ताव स्वीकार करके शासन को मंजूरी के लिए भेज दिया था। शासन ने भी इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी और राज्यपाल के पास भेजा था। शुक्रवार को राज्यपाल ने यह प्रस्ताव मंजूर कर लिया है। गौतमबुद्ध नगर की दादरी और बुलंदशहर जिले की सिकंदराबाद तहसील के 80 गांवों में दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल रेलवे कॉरिडोर का निवेश जोन विकसित किया जाएगा। अब इन 80 गांव का तेजी से विकास होगा|
उन्होंने कहा कि नोएडा इन गांवों को विकसित करेगा। ये 80 गांव नोएडा के दायरे में आ गए हैं। अब नोएडा का दायरा बढ़ जाएगा। प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार,” वर्तमान में नोएडा में जमीन की भारी कमी है, ऐसे में ये 80 गांव नोएडा के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे। दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा भारत सरकार की प्रायोजित औद्योगिक-विकास की विशाल परियोजना है।
एक विशाल औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने के उद्देश्य से भारत और जापान ने इसे मिलकर शुरू किया है। यह सात राज्यों दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दक्षिणी हरियाणा, पूर्वी राजस्थान, पूर्वी गुजरात, पश्चिमी महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के इन्दौर से होकर गुजरेगा।
ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण से नोएडा ने मांगी थी जमीन
नोएडा ने ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण को करीब 5000 करोड रुपए और यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण को करीब ढाई हजार करोड़ रुपए का कर्ज दिया है। इस पैसे के बदले में नोएडा ने दोनों विकास प्राधिकरण से जमीन मांगी थी।
नोएडा चाहता था कि जमीन मिल जाए तो उस पर अपनी विकास योजनाएं लेकर आएगा, लेकिन दोनों ही प्राधिकरण ने इसे अपने इलाके में नोएडा की दखल मानते हुए प्रस्ताव खारिज कर दिया था। साथ ही दोनों विकास प्राधिकरण ने नोएडा से वादा किया है कि वह जल्दी उसका कर्ज वापस लौटा देंगे। ऐसे में नोएडा जमीन की भारी कमी से जूझ रहा है। जिसके चलते नई औद्योगिक और आवासीय योजनाएं नहीं आ रही हैं। अब अगर नोएडा अथॉरिटी को बुलंदशहर के 80 गांव मिल जाते हैं तो बहुत बड़ी उपलब्धि होगी।
एक दशक पहले यह गांव ग्रेटर नोएडा में शामिल किए गए थे
करीब एक दशक पहले बुलंदशहर के इन गांवों को ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में समाहित कर दिया गया था। बाद में बुलंदशहर-खुर्जा विकास प्राधिकरण को तोड़कर दो अलग-अलग विकास प्राधिकरण बना दिए गए। जिसके चलते इन गांवों को ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण से हटाकर बुलंदशहर विकास प्राधिकरण में और खुर्जा विकास प्राधिकरण में शामिल कर दिया गया था।
अब अगर ये सारे गांव नोएडा को दिए जाते हैं तो बीडीए और केडीए से निकालकर नोएडा अथॉरिटी में शामिल किया जाएगा। जानकारों का मानना है कि बीडीए और केडीए के पास पैसे की बड़ी कमी है। ऐसे में अगर यह 80 गांव नोएडा अथॉरिटी को मिलते हैं तो यहां बहुत तेजी के साथ विकास योजनाएं आएंगी।
गौतमबुद्ध नगर के 20 और बुलंदशहर के 60 गांव हैं
बुलंदशहर जिले के जो गांव दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के दायरे में आएंगे, वह सिकंदराबाद और खुर्जा तहसील के हैं। बड़ी बात यह है कि यह सारे गांव गौतमबुद्ध नगर लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा हैं। ऐसे में गौतमबुद्ध नगर लोकसभा क्षेत्र पूरी तरह नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के दायरे में शामिल हो जाएगा। दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर के ग्रेटर नोएडा से बुलंदशहर तक 80 गांव हैं।
इन गांवों के सबसे नजदीक ग्रेटर नोएडा शहर है। ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण इन गांवों तक अपनी विकास योजनाएं ला चुका है। लिहाजा, सबसे पहले यह प्रस्ताव डीएमआईसी ट्रस्ट ने ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण को दिया था। ग्रेटर नोएडा में इस काम से इनकार कर दिया। सिकंदराबाद में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण काम करता है। लिहाजा, उसके बाद यूपीसीडा को यह प्रस्ताव दिया गया। यूपीसीडा ने भी इंकार कर दिया। इसके बाद नोएडा से इस बारे में पूछा गया।
इन 80 गांवों का विकास अलग मॉडल पर होगा। बाकी शहरों के मॉडल पर इसका विकास नहीं किया जाएगा। यहां अलग-अलग जोन विकसित किए जाएंगे। इंडस्ट्रियल यूनिट, एसईजेड, इंडस्ट्रियल एस्टेट्स, एग्रो एंड फूड प्रोसेसिंग जोन, आईटी, आईटीएस और बायोटेक जोन, स्किल डेवलपमेंट सेंटर, नॉलेज हब, लॉजिस्टिक हब, इंटिग्रेटेड टाउनशिप का विकास किया जाएगा।
जिला गौतमबुद्ध नगर के गावों के नाम –
आनंदपुर
बील अकबरपुर
बेरंगपुर उर्फ नई बस्ती
चंद्रावल
चीरसी
चीती
छयासा
दयानगर
देवटा (पार्ट)
फजलपुर
खण्डेरा गिरजापुर
कोट
मिल्क खण्डेरा
नगला चमरू
नगला चीती
नगला नैनसुख
फूलपुर
रघुनाथपुर पार्ट
राजपुर कलां
शाहपुर खुर्द
जिला बुलंदशहर के गावों के नाम –
अगराई
आशादेवी उर्फ पूरण गढ़
आसफपुर
बडौदा
भराना
भटोला
भौखेड़ा
बिरौंदी फौलादपुर
बिरौंदा ताजपुर
बिस्वाना
बोड़ा
बुटाना
चंद्रावली
चोला
दीनौल
धरौड
धमेड़ा नारा
धीमरी ऐदलपुर
दूल्हेरा
फरीदपुर
गोपालपुर
हसनपुर जागीर
हृदयपुर
जोखाबाद
जोली
काहीरा
कैथरा
कनवाड़ा
कौराली
खैरपुर तिला
किशनपुर
कोनाडु
लौथर
लुहाकर
महिपा जागीर
मोहिद्दीनपुर नगला
मेहताब नगर
मलहपुर
मसौता
मोरादाबाद
नगला बड़ौदा
नगला शेख
नैथला हसनपुर
नेकमपुर उर्फ बिशनपुर
निजामपुर
पचौता
पीर बियाबानी
राजारामपुर
राजपुर खुर्द
रूपवास पंचगई
सब्दलपुर
सैंथली
सराय घासी
सेनवाली
शाहपुर कला
सिखेड़ा
सुतारी
तालाबपुर उर्फ कनकपुर
उमराला
बबाया