सुरेन्द्र सिंह भाटी@बुलन्दशहर : जनपद के शहरी क्षेत्रों में भी अब जल्दी ही आशा कार्यकर्ताओं की तैनाती होगी आशा कार्यकर्ता का मुख्य काम नेशनल हेल्थ मिशन की योजनाओं को शहरी आबादी खासकर वहां की मलिन बस्तियों को पहुंचाने का होगा जनपद में मुख्य चिकित्सा अधिकारी की अध्यक्षता में चयन के लिए कमेटी का गठन हो चुका है |
शहरी क्षेत्र से आशा कार्यकर्ता के लिए आवेदन मांगे गए हैं जल्दी ही प्रक्रिया पूरी कर चयन किया जाएगा अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. नरेश गोयल, ने बताया जनपद के बुलंदशहर, खुर्जा, स्याना सहित सिंकदराबाद में 22 आशा कार्यकर्ताओं की चयन प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है शहरी आशा कार्यकर्ता के लिए प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अरविन्द कुमार ने नई गाइडलाइन जारी की है जिसके तहत तकरीबन 200 से 500 घरों के बीच एक आशा कार्यकर्ता को तैनात किया जायेगा|
इनकी योग्यता कम से कम इण्टर मीडिएट होगी स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ दंपति को शिक्षित करने में लगी महिलाओं को आशा कार्यकर्ता के रूप में सीधी तैनाती दी जाएगी जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी की अध्यक्षता में गठित चयन समिति इनकी सीधी भरती करेगी करेगी उन्होंने बताया शहरी क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता को शहर की मलिन बस्तियों में मात्र एक साल की उम्र के शिशु की देखभाल करने की जिम्मेदारी होगी आशा कार्यकर्ता एम्बुलेंस की मद्द से प्रसव के बाद मां और शिशु दोनों को घर पहुंचाएंगी |
जिससे स्वास्थ्य सेवा में सुधार होगा जागरूकता के चलते लोग योजना का लाभ उठा सकेंगे
उन्होंने बताया आशा कार्यकर्ता सरकार के 60 से अधिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों और योजनाओं में अपनी सेवाएं दे रही हैं जिनमें प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य कार्यक्रम, मातृ एवं शिशु सेवाएं, परिवार कल्याण, सर्वेक्षण, मलेरिया, कुष्ठ, एड्स जैसी बीमारियों के नियंत्रण, एनसीडी, टीकाकरण कार्यक्रम, गर्भवती एवं महिलाओं के प्रसव बाद की देखभाल, कुपोषण नियंत्रण जैसे कार्यक्रम शामिल हैं |
आशा कार्यकर्ता रोजाना लगभग आठ घंटे काम करती हैं और इनका कोई निश्चित मानदेय निर्धारित नहीं है आशा कार्यकर्ताओं को मिलने वाले मानदेय को कुछ इस तरह समझा जा सकता है कि इन्हें पॉइंट्स के आधार पर मेहनताना मिलता है यानी इनका मानदेय इंसेंटिव पर आधारित है ।