आखिर सरकारे ओर प्रशासन के लाख प्रयासों के बाद भी मौत का सिलसिला क्यो है जारी क्या इसे प्रकृति आपदा माना जा सकता है या सीधे मानव शरीर से खिलवाड़

सुरेन्द्र सिंह भाटी@बुलन्दशहर : आखिर देश मे ये क्या नया प्रकोप देखने को मिल रहा है इस महा प्रकोप को कोरोना बोले या कोई ओर नया फ्लू बोला जाए या फेफड़ो को खत्म करने वाला कोई और रोग बोला जाए यह भी हो सकता है कि शरीर मे प्लेट्स आदि का कमजोर होना भी बोला जाए किन्तु इंसान ओर अधिकारियों की तो बात छोडो इस समय डॉक्टर भी इस बीमारी का इलाज ढूढ़ने में उलझे हुए है बात कोई भी हो नतीजा केवल मौत इलाज कही भी हो रहा हो नतीजा केवल मौत l

बचाव कोई करे या न करे चपेट में आने के बाद नतीजा केवल मौत इस विषय को बोलना ओर सुनना बड़ा अजीब सा लग रहा होगा किन्तु यह ही हकीकत है और उस हकीकत भरी पीड़ा को मरने वालो में कही न कही किसी के माता पिता पति पत्नी भाई बहन बच्चे और सगे संबंधियों से अधिक कोई नही समझ पायेगा अधिकतर हॉस्पिटल में भर्ती होने के तीन से चार दिन में मौत का आ जाना और एक हस्ते खेलते परिवार को न जाने ग्रहण लगने जैसा व्यतीत हो रहा है बहुत खुश नसीब है वो परिवार जिनका कोई अपना इस ग्रहण में फसकर भी मौत से जीत हासिल कर अपनो से मिल चुका हो अन्यथा ज्यादातर घर उजड़े ही हैl

इस आंधी में चाहे जनता हो प्रशासनिक दल हो या राजनीतिक कार्यकर्ता हो अधिकतर परिवारों के सदस्यों को डंक मारकर मौत की नींद सुलाने वाले कोरोना से कोई नही बच पाया इसे डर कहे या बहुत गम्भीर वायरस कहे या पुराने समय मे होने वाली छुआ छूत की तरह होने वाली बीमारी कहे कहा कुछ भी जा सकता है किन्तु नतीजा केवल गम्भीर स्थिति बनने पर केवल मौत सरकार और प्रशासन के भरपूर प्रयासों के बाद भी महाप्रकोप रुकने का नाम नही ले रहा है अधिकतर इस बीमारी से जुड़े कुछ तथ्य शोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है l

अब यह कहना सही है अथवा गलत इसको चेलेंज नही किया जा सकता किन्तु पूरे हिंदुस्तान में लगभग हर किसी के मोबाइल पर पांच जी की टेस्टिंग होने के कारण मानव शरीर पर नुकसान होने की बाते सामने आ रही है यह भी बताया जा रहा है कि अब से पहले चार जी लॉन्चिंग होने के उपरांत काफी सारे पक्षियों की प्रजाति ही विलुप्त हो गई थी किन्तु उसका असर इतना गंभीर नही था जो पांच जी लॉन्चिंग का बताया जा रहा है l

अब यह कितना गलत है या कितना सही इस विषय का फैसला देश की सरकारे ओर सिस्टम ही तय कर सकती है किन्तु आज हर कोई सरकार से इस पांच जी टेस्टिंग से होने वाले भय का स्पस्टीकरण मांग रहा है और सरकार का कर्तव्य है कि इस स्थिति में देश की जनता को इस स्पस्टीकरण का स्पष्ट ब्यौरा दे अगर बाकई में पांच जी से कोई समस्या बन रही है तो देशरक्षा हित मे तत्काल जरूरी कार्य निर्देश टेलीकॉम कंपनियों को बन्द करने के लिए दिए जाने चाहिए l

ओर पांच जी से कोई भी समस्या नही बन रही तो देश की जनता को इस विषय की पूर्ण जानकारी से तत्काल अवगत करवाया जाए अन्यथा भय के कारण कोई भी परिवार स्वास्थ्य नही मिल पायेगा आखिर शारीरिक शक्ति इस डिजिटल भरी ओर प्रदूषण युक्त देश मे कब तक अपना असर दिखा पाएगी एक दिन निश्चित शरीर को ऐसी स्थिति में घुटने तोड़ने को मजबूर कर ही देगीl

हरित देश में ऑक्सीजन की मारामारी आखिर क्यों हुई पैदा बाजार में अधिकतर खाद्य पदार्थो में मिलावट वायु में मिलावट धरती के जल स्तर में मिलावट न पानी सुरक्षित न वायु सुरक्षित और न ही खाद्य पदार्थ सुरक्षित तो क्या आप अपने जीवन को सुरक्षित मान रहे हो यहा सब कुछ दागी हो चुका है प्रकृति इस समय असुरक्षित हो चुकी है इसका प्रकोप तो झेलना ही होगा ।