IN8@गुरुग्राम,….:राजीव चौक के साथ सटे गांव इस्लामपुर के ग्रामीणों की लंबी मांग पर अंडर पास का कार्य राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से शुरू कर दिया गया है। करीब 6 करोड़ की लागत से इस अंडरपास का निर्माण पूरा होगा। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि ग्रामीणों की मांग थी कि गांव के लोगों के लिए एक अंडरपास का निर्माण किया जाना चाहिए ताकि ग्रामीण गांव के एक ओर से दूसरी ओर जा सके। ग्रामीण उनसे इस मांग को लेकर पिछले महीनों मिले थे। जिसके बाद उन्होंने केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी से मुलाकात के दौरान ग्रामीणों की इस मांग से उन्हें अवगत कराया था और ग्रामीणों की समस्याओं के बारे में जानकारी दी थी। केंद्रीय मंत्री श्री गडकरी ने ग्रामीणों की समस्या को ध्यान में रखते हुए इस्लामपुर गांव में अंडरपास के निर्माण की मांग को मंजूरी दे दी थी। अब इसका निर्माण शुरू कर दिया गया है और अगस्त माह तक इसके निर्माण को पूरा कर लिया जाएगा।
गांव के निवासी सुभाष ठाकरान व राजेश ठाकरान ने बताया कि केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह से गांव के प्रतिनिधिमंडल ने सरकारी विश्राम गृह में मुलाकात की थी और गांव की मांग से अवगत करवाया था।
उस समय महेंद्रगढ़ भिवानी से सांसद चौधरी धर्मवीर भी उपस्थित थे। गांव के प्रतिनिधि मंडल की समस्या सुनने के बाद केंद्रीय मंत्री ने आश्वासन दिया था कि वह गांव की समस्या को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के समक्ष रखेंगे और हल करवाने का प्रयास करेंगे। ग्रामीण सुभाष ठाकरान ने कहा कि करीब 2 माह पूर्व केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के कार्यालय से अंडरपास के पास होने की सूचना दी गई थी और अब इस अंडरपास पर काम राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से काम शुरू कर दिया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि इस अंडरपास के निर्माण के बाद ग्रामीणों का गांव के एक छोर से दूसरे छोर पर जाना आसान हो जाएगा और ग्रामीण दुर्घटना से भी बच सकेंगे। ग्रामीण राजेश ने बताया कि सड़क के दोनों ओर गांव की आबादी बसे होने के कारण अनेकों बार ग्रामीण सड़क पार करते समय दुर्घटना का शिकार हो जाते थे और जान भी गंवानी पड़ जाती थी।
गौरतलब है कि गुरुग्राम के राजीव चौक से सोहना तक एलिवेटेड लाईओवर का निर्माण इस समय जोरों पर चल रहा है। गुरुग्राम के राजीव चौक से निकलते ही पहला गांव इस्लामपुर है। गांव की आबादी सडक़ के दोनों ओर होने के कारण सडक़ पार करने में ग्रामीणों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। अनेक बार ग्रामीण सडक़ दुर्घटनाओं का शिकार भी हो रहे थे।